पुरुषोत्तम अग्रवाल हिंदी के जाने-माने लेखक और आलोचक हैं। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं जिनमें प्रमुख हैं अकथ कहानी प्रेम की : कबीर और उनका समय (आलोचना) और नाकोहस (उपन्यास)।
गोडसे ने बापू की हत्या साज़िश रच कर की थी। साज़िश रचने वाली मानसिकता असल में भारतीय राष्ट्रवाद के विरुद्ध हिंदू राष्ट्रवाद को स्थापित करने वाली मानसिकता थी।
आडवाणीजी आज ब्लॉग लिख कर बीजेपी और मोदी जनता पार्टी का फर्क बता रहे हैं। लेकिन ‘भावनाओं के सवाल’ को बवाल बनाने की कोशिश तो आडवाणीजी की पीढ़ी ने ही शुरू की थी।
ललित सहगल के नाटक ‘हत्या एक आकार की’ का 30 जनवरी को मंचन हुआ। उसी दिन ऐन शहीद दिवस को अलीगढ़ में कुछ हिन्दूसभाइयों ने गाँधी-हत्या को रिएनेक्ट किया। ऐसा क्यों?
एक साल पहले राहुल कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। उन्होंने साबित कर दिया कि वे बेमन से राजनीति कर रहे व्यक्ति से जनता की नब्ज़ पकड़ने वाले परिपक्व नेता बन रहे हैं।