6 मार्च 1971 यानी आज से ठीक 50 साल पहले वेस्टइंडीज़ के दौरे पर गावस्कर ने टीम इंडिया के लिए पहला टेस्ट खेला। अगर 'पूत के पाँव पालने में नज़र आते हैं' वाली कहावत को टेस्ट इतिहास में सिर्फ एक बल्लेबाज़ ने अपनी पहली सीरीज़ के धमाल से सच साबित किया तो वो गावस्कर ही थे।
इशांत शर्मा के लिए अहमदाबाद में होने वाला तीसरा टेस्ट मैच निजी तौर पर काफ़ी यादगार पल है। अश्विन ने भी शानदार पारियाँ खेली हैं। लेकिन क्या इन दोनों खिलाड़ियों को वो सम्मान मिला जिसके वो हकदार हैं?
भारत के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तान विराट कोहली को घरेलू सीरीज़ के पहले मैच में हारने की आदत तो और भी नहीं है क्योंकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट से पहले वो सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पुणे टेस्ट (2017) में सीरीज़ का पहला टेस्ट हारे थे।
शुक्रवार यानी आज से चेन्नई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टीम इंडिया का घरेलू ज़मीं पर टेस्ट अभियान शुरू हो रहा है। लाल गेंद से 4 मैच और 20 दिन की क्रिकेट में टीम इंडिया के पास पाने के लिए बहुत कुछ नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया में ड्रॉ ने भारतीय क्रिकेट को विदेशी ज़मीं पर लड़ना सिखाया। और कौन जानता है कि ब्रिसबेन में वह हो जाए जो आज तक किसी भारतीय टीम ने हासिल नहीं किया है। टेस्ट मैच में जीत।
भारतीय क्रिकेट इस साल को याद कैसे करेगा? टेस्ट क्रिकेट में सबसे न्यूनतम स्कोर 36 रन पर आउट होने के लिए या फिर मेलबर्न में साल के आख़िर में यादगार पलटवार के लिए?
रविचंद्रन अश्विन भले ही ऑफ़ स्पिनर हैं लेकिन कई मायनों में उनकी सही तुलना एक गेंदबाज़ और स्पिनर के तौर पर लेग स्पिनर अनिल कुंबले से ही हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में उनका प्रदर्शन क्या कहता है?
विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी करियर में यह पहला मौक़ा रहा जब उन्होंने टॉस जीता, लेकिन मैच हार गए। 26 मैचों के कप्तानी करियर में 21 मैच में जीत और 4 में ड्रॉ का बेहद गर्व करने वाला रिकॉर्ड एडिलेड की दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से चकनाचूर होकर बिखर गया।
वीकेटकीपर और बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। 17 साल की उम्र में सबसे युवा विकेटकीपर के तौर पर टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पार्थिव पटेल का कैसा रहा खेल?
गौतम गंभीर ने साफ़-साफ़ कहा है कि अगर रोहित को सफेद गेंद की कप्तानी भारत के लिए नहीं मिलती है तो नुक़सान मुंबई के बल्लेबाज़ का नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट का है। उनके इस दावे में कितनी सचाई है?
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इत्तेफाक से आईपीएल में सबसे कामयाब कप्तान नहीं हैं क्योंकि रोहित शर्मा ने आईपीएल ट्रॉफ़ी उनसे ज़्यादा जीती है।
चेन्नई की टीम ने पहले 2 हफ्ते में अपनी साख के बिल्कुल विपरीत खेल दिखाया है। धोनी ने हमेशा अपने फ़ैसलों से हर किसी को चौंकाया है। क्या ऐसा ही कुछ उनके आईपीएल करियर में भी होगा?
कप्तानी के मामले में महेंद्र सिंह धोनी की विरासत को भारतीय क्रिकेट तो क्या अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी कोई चुनौती नहीं दे सकता है।लेकिन बात जब आईपीएल की आती है तो धोनी के चेले रोहित शर्मा उनसे इक्कीस नज़र आते हैं।
घरेलू क्रिकेट में 30 रणजी टीमों के अगर टॉप 10 फीसदी यानी कुल 3 हेड कोच भी अगर आईपीएल में उसी भूमिका में नहीं हैं तो कही ना कहीं बीसीसीआई को भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।
भारतीय क्रिकेट सुरेश रैना का आकलन कैसे करेगा? उत्तर प्रदेश के ही रुद्र प्रताप सिंह जिन्होंने रैना के साथ खेलना शुरू किया, उनके अचानक संन्यास लेने की बात से हैरान क्यों हैं।
गावर से हमने रोहित शर्मा के मुद्दे पर ख़ास बात-चीत की क्योंकि अक्सर यह कहा जाता है कि रोहित के लिए भी कई शॉट खेलना बेहद आसान है क्योंकि उन्हें ये ‘गिफ्ट’ मिला है।
आख़िर भारतीय दिग्गज़ खिलाड़ी देश के संवेदनशील मुद्दों पर कुछ क्यों नहीं बोलते हैं? वे विवादास्पद मुद्दों पर ऐसा रवैया अपनाते हैं मानो उन्हें कुछ पता ही नहीं है। लेकिन क्यों?