आर्थिक उदारीकरण की 30वीं सालगिरह पर पूर्व वित्त व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि आगे का रास्ता और मुश्किल भरा है तथा देश को अपनी प्राथमिकताएँ फिर से तय करनी होंगी
क्या मोदी कैबिनेट विस्तार 2021 में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन को बलि का बकरा बनाया गया? क्या उन्हें मोदी कैबिनेट फेरबदल 2021 में बाहर का रास्ता इसलिए दिखाया गया कि सरकार की खराब हो चुकी छवि को और खराब होने से बचाया जा सके?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद में बड़ा फेरबदल किया है। चेहरे तो बदल गए हैं, लेकिन क्या चाल-चरित्र भी बदलेगा?
क्या फ़ादर स्टैन स्वामी की मौत स्वाभाविक है? अगर फ़ादर स्टैन की गिरफ़्तारी नहीं हुई होती, वे अपने घर में होते तो क्या उनकी मौत होती? आखिर किस गुनाह के लिए वे अपने जीवन के अंतिम 217 दिन जेलों में रहे?
गुजरात में अगले साल दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। बीजेपी की चुनाव की तैयारियाँ और हाल ही में लिए गए कुछ राजनीतिक फ़ैसले इस तरफ़ इशारा कर रहे हैं कि शायद बीजेपी को अपने इस मज़बूत क़िले के दरकने का ख़तरा पैदा हो गया है?
कोरोना वायरस की मारक दूसरी लहर झेलने के बाद आज भारत के लोग तीसरी लहर की उल्टी गिनती कर रहे हैं। ये तीसरी लहर कब और कितनी बड़ी आएगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम वायरस-वैक्सीन-व्यवस्था के त्रिकोण को कितने अच्छे से समझ पाते हैं।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक समेत देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की घटनाएँ अप्रैल-मई में हुईं और पूरी दुनिया इस पर चिंतित हुई। ऑक्सीजन ऑडिट सब कमेटी की लीक हुई कथित अंतरिम रिपोर्ट पप विवाद क्यों?
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यूपी चुनाव लड़ने का उनका मक़सद क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़ास अफ़सर रहे अरविंद कुमार शर्मा को अंततः राजनीतिक ज़िम्मेदारी दे ही दी गई। वे उत्तर प्रदेश बीजेपी के सत्रहवें उपाध्यक्ष बना दिए गए हैं।
कोरोना और इस महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने क्या मानव स्वभाव को भी प्रभावित किया है? क्या कोरोना की वजह से हमारे मनोविज्ञान, स्वभाव, व्यवहार व कामकाज के तौर तरीकों में कोई फ़र्क आया है?
इज़राइल-फ़लस्तीन के बीच जारी ख़ून-ख़राबे को रोक पाने में नाकामी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना शुरू हो गई है। यह आलोचना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो हो ही रही है, उनकी अपनी पार्टी के सांसद तक कर रहे हैं।
लगभग 26 हज़ार वर्ग किलोमीटर में फैले इस इज़रायल-फ़लस्तीन के लिए जितना ख़ून बहा है, जितना संघर्ष हुआ है, उतना दुनिया में किसी जगह के लिए नहीं हुआ है। न ही दूसरे किसी संघर्ष ने विश्व राजनीति और पूरी मानवता को इस तरह प्रभावित किया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में तृणमूल कांग्रेस की भारी जीत के लिए सभी लोग ममता बनर्जी के नाम और काम को श्रेय देंगे, लेकिन इस जीत में प्रशांत किशोर की भूमिका बहुत बड़ी है।