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कमलनाथ के शपथग्रहण में शिवराज ने दिल जीता!

क़मर वहीद नक़वी
राजनीति भी अजब और गज़ब चीज है। राजनीति का कुछ ऐसा ही नज़ारा सोमवार को मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथग्रहण समारोह के ठीक पहले देखने को मिला। शपथग्रहण समारोह में अतिथि के तौर पर पहुँचे निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कमलनाथ ने शपथ लेने से पहले न केवल हाथ मिलाया बल्कि दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे प्रदेश के कोने-कोने से आए लोगों का स्वागत करते नज़र आए। एक मौक़ा ऐसा भी बना जब कमलनाथ और शिवराज के साथ तीसरा हाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी जुड़ा और तीनों एक-दूसरे का हाथ थामकर हवा में लहराते रहे।
दलगत राजनीति की प्रतिस्पर्धा के बीच बेशक यह दृश्य सुकून देने वाला माना जाएगा। कुल जमा पाँच मिनट के कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद के शपथग्रहण समारोह में यदि लोगों को ध्यान किसी दृश्य ने सबसे ज्यादा खींचा तो वह यही रहा।
दरअसल चुनाव नतीजे आने से पहले और पूरे प्रचार के दौरान शिवराज सिंह चौहान के निशाने पर सबसे ज़्यादा कोई था, तो वे थे कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया। प्रदेश ही नहीं, देश का ध्यान भी भाजपा के प्रचार से जुड़े उस विज्ञापन ने खींचा जिसमें भाजपा कहती नजर आती थी,  ‘माफ़ करो महाराज, अपना नेता तो शिवराज।’
उधर, कांग्रेस खेमे से जितने भी राजनीतिक हमले हो रहे थे और उसके मुख्य योद्धा कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी को निशाना बना रहे थे, तो वे थे शिवराज सिंह चौहान। सोमवार को शपथग्रहण समारोह के दौरान का दृश्य (तीनों नेताओं को एक-दूसरे के हाथों में डाल लहराता) देख निश्चित तौर पर लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएँ रहीं।

शिवराज से गर्मजोशी से मिले नेता

प्रदेश में लगातार पन्द्रह बरस राज करने वाली भाजपा की सरकार में तेरह साल मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान से कई बड़े नेता पूरी गर्मजोशी से मिले। गर्मजोशी के साथ मिलने वाले नेताओं में शरद पवार और फ़ारूक़ अब्दुल्ला सबसे आगे रहे। चंद्रबाबू नायडू ने भी बेहद गर्माहट के साथ चौहान से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पहली पंक्ति में बैठाए गए शिवराज से मिले। मध्य प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के अहम दावेदार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो शिवराज के गले लगकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।
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क़मर वहीद नक़वी

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