पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इन राज्यों के मतदाताओं ने इस सवाल का जवाब दे दिया है कि नरेन्द्र मोदी के सामने कौन है? तो क्या यह मोदी के लिए सँभलने का समय नहीं है?
एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर कांग्रेस नेताओं में जबर्दस्त खींचतान चल रही है। कांग्रेस भी बीजेपी जैसा उपमुख्यमंत्री वाला फॉर्मूला अपना सकती है। तीनों राज्यों में कौन-कौन होंगे मुख्यमंत्री?
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में संभावनाओं के अनुसार शिवराज सरकार के 13 मंत्री चुनाव हार गए। दो मंत्रियों की करारी हार में नोटा का रोल रहा। पिछले चुनाव में 10 मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा था।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान कर दिया है। इससे मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का रास्ता काफ़ी आसान हो गया है।
लौक लुभावन अर्थनीति और स्कीमों के ज़रिए पैसे लुटाने की रणनीति की वजह से मध्य प्रदेश में बीजेपी की स्थिति उतनी बुरी नहीं हुई, जितनी आशंका थी। शिवराज सिंह चौहान का कद बढ़ेगा।
पाँच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे आ गए। बीजेपी को ज़बरदस्त झटका लगा है, कांग्रेस का तीन राज्यों में बढ़िया प्रदर्शन रहा है। मिज़ोरम में उसे हार मिली।
एक साल पहले राहुल कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। उन्होंने साबित कर दिया कि वे बेमन से राजनीति कर रहे व्यक्ति से जनता की नब्ज़ पकड़ने वाले परिपक्व नेता बन रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय मुफ़्त चीजें बाँटने पर ध्यान दिया। इसके अलावा पार्टी की भावनात्मक मुद्दों के सहारे जीतने की कोशिश भी फ़ेल हो गई।
विधानसभा चुनाव कांग्रेस के पक्ष में रहा। बीजेपी को काफ़ी नुक़सान हुआ। क्या रही हार की वज़ह और क्या होगा इसका आगे के चुनावों पर असर? 4 मिनट में जानिए वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और शीतल पी. सिंह की चर्चा से।
मिज़ो नेशनल फ्रंट अब मिज़ोरम में सरकार बनाएगी, उसे पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस को सिर्फ़ 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। इससे पता चलता है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर अधिक थी।
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे सरकार को अपनी भ्रष्ट छवि के कारण जाना पड़ा लेकिन सवाल यह है कि जनता के असल मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस ने बात करने की ज़रूरत नहीं समझी।
विधानसभा चुनावों में जीत से कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता उत्साहित हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश कहते हैं कि नोटबंदी बहुत हो गई, अब वोटबंदी की बारी है। सुनिए, मोहन प्रकाश के साथ यूसुफ़ अंसारी की बातचीत।