छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लपेटे में आए हैं। लोकसभा चुनाव के मौक़े पर इससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 11 लाख आदिवासी परिवारों को जंगलों से निकाल कर बाहर कर दिया जाए। कोर्ट के इस आदेश से ये आदिवासी परिवार बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं।
झीरम घाटी हत्याकांड में नक्सलियों ने कांग्रेस के 32 नेताओं की हत्या कर दी थी। कांग्रेसियों का आरोप है कि उनके नेताओं की सुरक्षा को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के क़रीबी होने के चलते मुकेश गुप्ता के ख़िलाफ़ बीजेपी सरकार में कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुकेश गुप्ता के ख़िलाफ़ कई मामलों में जाँच चल रही है।
पीएम मोदी ने रात के आठ बजे एक घोषणा से लोगों की नींद उड़ा दी थी। अब भूपेश बघेल ने रात को नींद उड़ाने वाला नुस्खा अपना लिया है। हालाँकि यह नुस्खा आम लोगों पर नहीं, अफ़सरों पर अपनाया गया है।
चुनाव से पहले एस. आर. पी. कल्लूरी को दुर्दांत अधिकारी बताने वाले भूपेश बघेल ने सरकार बनने के बाद कल्लूरी को पुरस्कृत कर एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू का आईजी बना दिया है।
कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का चयन करने में काफ़ी परेशानी हुई। राज्य में ताम्रध्वज साहू, भूपेश बघेल, चरणदास महंत और टी. एस. सिंह देव सीएम पद के दावेदार थे।
राजस्थान में अशोक गहलोत ने सीएम और सचिन पायलट ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। आज मध्य प्रदेश में कमलनाथ और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल भी शपथ लेंगे।
तीन राज्यों में शपथग्रहण के दौरान कांग्रेस विपक्षी एकता की नींव मज़बूत करने में जुटी है। लेकिन तीन बड़े नेताओं के नहीं आने से मज़ा किरकिरा होने की संभावना है।
भूपेश बघेल ने राज्य में कांग्रेस सगंठन को मजबूत करने के लिए काफ़ी मेहनत की। प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने रमन सिंह की सरकार को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई।
छ्त्तीसगढ़ में सीएम के नाम का एलान करने में कांग्रेस नेतृत्व को माथापच्ची करनी पड़ रही है। अब बताया जा रहा है कि थोड़ी देर में सीएम के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
ऐसी ख़बरें हैं कि संघ परिवार के लोगों ने छत्तीसगढ़ में चुनावी अभियान से अपने हाथ पूरी तरह खींच लिए थे? क्यों? मुख्यमंत्री रमन सिंह से उनकी क्या नाराज़गी थी?