हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया गया है। शैलजा पार्टी का दलित चेहरा हैं और हरियाणा में क़रीब 19 फीसदी दलित मतदाता हैं। माना जा रहा है कि यह फ़ैसला पार्टी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दबाव में लिया है क्योंकि हुड्डा तंवर को हटाने की माँग पर अड़े हुए थे।
बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस की हालत बेहद पतली है। लोकसभा चुनाव में वह राज्य की सभी 10 सीटों पर चुनाव हार चुकी है। हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन कांग्रेस में आपसी गुटबाज़ी चरम पर है। कांग्रेस राज्य में विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, पार्टी के अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक तंवर, कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और भूपेंद्र हुड्डा के ख़ेमों में बँटी हुई है। इन सभी में हुड्डा की पूरे राज्य में अच्छी पकड़ है और माना जाता है कि हरियाणा में कांग्रेस के 15 में 13 विधायकों का समर्थन उनके पास है।
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हुड्डा कांग्रेस हाईकमान के ख़िलाफ़ लंबे समय से बग़ावती तेवर अख़्तियार किये हुए थे। लोकसभा चुनावों में मिली क़रारी हार के बाद हुड्डा ने कड़ा रुख अपना लिया था। हाल ही में हुड्डा ने रोहतक में परिवर्तन रैली कर अपनी ताक़त का प्रदर्शन किया था। हुड्डा ने रैली में खुलकर ख़ुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की माँग की थी।
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पार्टी में जबरदस्त गुटबाज़ी के कारण ही राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला की चुनाव में हार हुई थी। अब यह देखना होगा कि क्या शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से पार्टी को विधानसभा चुनाव में कोई फ़ायदा होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी पस्त है।
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