भारत सरकार ने मसूद अज़हर, हाफ़िज सईद और दाऊद इब्राहिम को नए यूएपीए क़ानून के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया है। मसूद अज़हर जैश-ए-मुहम्मद और हाफ़िज सईद लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी गुटों के सरगना हैं। ये आतंकवादी गुट पाकिस्तान में स्थित हैं और पाकिस्तानी सरकार, सेना और गुप्तचर एजेन्सी आईएसआई की मदद से चलते हैं। जैश से जुड़े कुछ लोग भारत में भी हैं।
पुलवामा में सुरक्षा बलों के काफ़िले पर हमला इसी गुट ने करवाया था। मुंबई में 1993 में हुए आतंकवादी हमले का ज़िम्मेदार दाऊद इब्राहिम को माना जाता है। वह भारतीय मूल का है, लेकिन उसने बाद में पाकिस्तान की नागरिकता ले ली, वह पाकिस्तान में ही रहता है। इसके अलावा ज़की-उर-रहमान को भी आतंकवादी घोषित किया गया है। वह लश्कर से जुड़ा हुआ है और पाकिस्तान में रहता है।
गृह मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है। यूएपीए क़ानून में कहा गया है कि जो कोई व्यक्ति किसी तरह की आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होगा, या वह किसी की मदद करेगा, आतंकवादी क्रिया कलाप की तैयारी करेगा या किसी तरह से आतंकवाद को बढ़ावा देगा, उसे 'आतंकवादी' क़रार दिया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहले ही मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर रखा है। वहाँ यह कहा गया कि मसूद ने भारत के ख़िलाफ़ आतंकवादी हमले किए हैं। जैश ने भारत में 5 बड़े आतंकवादी हमले किए हैं। हाफ़िज सईद के गुट लश्कर ने भारतीय संसद पर हमला किया था। ये तीनों पहले ही आतंकवादी घोषित किए जा चुके हैं। यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया जाना तकनीकी कारणों से है। भारत सरकार इसके तहत पाकिस्तान से उनके प्रत्यवर्तन की माँग कर सकता है।
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