मोदी राज में आतंकी हमलों, शहीद सैनिक और नागरिकों, आतंकवाद की राह पर जाने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है। पहले की सरकारों की तुलना में मोदी सरकार कश्मीर मोर्चे पर नाकाम रही है।
पुलवामा हमले के बाद देश के कई इलाक़ों में कश्मीरी छात्र-छात्राओं पर हमले की ख़बरें आ रही हैं। इसके ख़िलाफ़ कई लोग उनके बचाव में आगे आए हैं और उन्हें मदद की पेशकश की है।
जम्मू और कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास हुए धमाके में सेना के एक मेजर की मौत हो गई। शहीद मेजर आतंकियों द्वारा बिछाए गए आईईडी बम को निष्क्रिय करने की कोशिश कर रहे थे।
1965 के युद्ध में कश्मीर भारत के साथ था, लेकिन यदि आज युद्ध की स्थितियाँ बनीं तो क्या कश्मीर हमारे साथ रहेगा। मूल सवाल यही है। इसे हल करने पर ही चीजें बदल सकती हैं।
सीआईडी की रिपोर्ट के अनुसार आतंकी संगठनों से जुड़ने वाले युवाओं में 32 फ़ीसदी युवा कक्षा 10 पास हैं और अंडर ग्रेजुएट-ग्रेजुएट युवाओं की संख्या 19 फ़ीसदी है।
श्रीनगर की जामा मसजिद में शुक्रवार को कुछ युवकों ने जबरन आईएसआईएस के झंडे लहराए। यह मसजिद श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में है। घटना का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।