loader

साध्वी प्रज्ञा बोलीं, बाबरी मसजिद तोड़ने पर गर्व, भगवान ने दिया मौक़ा

लगता है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लिए चुनाव आयोग, क़ानून, संविधान के कोई मायने नहीं हैं। मुंबई हमलों में देश के लिए अपनी जान गँवाने वाले शहीद हेमंत करकरे को सर्वनाश का श्राप देने वाली साध्वी ने कहा है कि उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्हें भी बाबरी मसजिद को तोड़ने का मौक़ा मिला। साध्वी प्रज्ञा की ओर से लगातार आ रहे बयानों को देखकर यह स्पष्ट लगता है कि वह चुनाव को हिंदू बनाम मुसलमान का रंग देकर ही जीतना चाहती हैं। साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने भोपाल से अपना उम्मीदवार बनाया है और कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से उनकी सीधी टक्कर है। 

ताज़ा ख़बरें
बाबरी मसजिद ध्वंस को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटी साध्वी प्रज्ञा ने शनिवार को भोपाल में एक टीवी चैनल से कहा, राम मंदिर ज़रूर बनेगा और यह पहले से ज़्यादा भव्य बनेगा। यह पूछे जाने पर कि यह कब बनेगा, मालेगाँव बम धमाकों की आरोपी साध्वी ने कहा कि हम मंदिर बनाएँगे, आख़िरकार ढाँचे को तोड़ने के लिए भी हम ही वहाँ गए थे। 
साध्वी ने बाबरी मसजिद ध्वंस में अपनी भूमिका पर गर्व करते हुए कहा, ‘मैं ढाँचे को तोड़ने के लिए इसकी सबसे ज़्यादा ऊँचाई पर चढ़ी थी। मुझे इस बात पर गर्व है कि भगवान ने मुझे यह मौक़ा दिया और इस काम को करने के लिए ताक़त दी, तभी मैं यह काम कर पाई। हमने देश पर लगे कलंक को ख़त्म कर दिया। अब हम वहीं राम मंदिर बनाएँगे।’ 
बीजेपी की ओर से भोपाल से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, 'हेमंत करकरे ने मुझे बहुत प्रताड़ित किया था और मैंने उसके (करकरे के) सर्वनाश का श्राप दिया था इसलिए आतंकवादियों ने उसे मार दिया।'

प्रज्ञा का बयान सामने आने के बाद देश भर में लोगों ने सोशल मीडिया पर इसका जोरदार विरोध किया। मुंबई में कई जगहों पर इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए। हेमंत करकरे मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले में आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गये थे। वह उस समय मालेगाँव सीरियल बम धमाकों की जाँच कर रहे थे। 

हेमंत करकरे के शौर्य और पराक्रम के लिए भारत सरकार ने उन्हें साल 2009 में मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था। बीजेपी की अच्छी-ख़ासी फ़जीहत होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान पर सफ़ाई भी दी। 

चुनाव 2019 से और ख़बरें
2008 में महाराष्ट्र के मालेगाँव के मुसलिम बहुल इलाक़े में हुए बम धमाकों की जाँच तत्कालीन एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को सौंपी गयी थी। एटीएस ने अक्टूबर 2008 में 11 संदिग्ध लोगों को गिरफ़्तार किया था। इसमें सभी अभियुक्त हिन्दू थे। इन्हीं 11 अभियुक्तों में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, स्वामी अमृतानंद उर्फ दयानंद पांडे, एक सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय और एक आर्मी अफ़सर प्रसाद श्रीकांत पुरोहित के नाम भी शामिल थे। करकरे के नेतृत्व वाली एटीएस टीम ने जाँच में पाया कि इनमें से अधिकतर अभियुक्त उग्र हिंदुत्व ग्रुप अभिनव भारत से जुड़े हैं। 
यह पहली बार था कि किसी आतंकवादी हमले में किसी हिंदुत्ववादी संगठन का नाम आया था और इसके बाद कई बार 'हिन्दू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया था।
प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ हेमंत करकरे ने मालेगाँव ब्लास्ट मामले में सबूत इकट्ठे किए थे और इसके बाद उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाया गया था। धमाकों में आरोपी होने के चलते प्रज्ञा ठाकुर को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा था।
लगता है कि साध्वी प्रज्ञा इस तरह के बयान देना जारी रखेंगी क्योंकि उन्हें क़ानून, संविधान, चुनाव आयोग का कोई ख़ौफ़ नहीं है और जो किसी शहीद को सर्वनाश का श्राप दे सकता है, उससे भाषा की मर्यादा की उम्मीद करना ग़लत होगा। बाबरी मसजिद तोड़ने के लिए ख़ुद पर गर्व करने वाला उनका यह बयान पूरी तरह आचार संहिता का उल्लंघन है। 
साध्वी प्रज्ञा की ओर से यह बयान आने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेज दिया। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. एल. कांता राव ने कहा, हमने साध्वी प्रज्ञा के बयान का संज्ञान लिया है और उन्हें इस बारे में नोटिस भेजा गया है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा अपने इस बयान पर एक दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें वरना उनके ख़िलाफ़ क़ानून के हिसाब से एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। 
Babri demolition Ram temple sadhvi Pragya thakur bhopal - Satya Hindi
मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. एल. कांता राव ने कहा, चुनाव आयोग की ओर से सभी राजनीतिक दलों को बार-बार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है। चुनाव आयोग की ओर से भेजी गई एडवाइजरी में कहा गया है कि आयोग को लगातार इस बात की शिकायतें मिल रही हैं कि राजनेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। आयोग इस तरह के सभी भाषणों पर निगाह रख रहा है। बता दें कि हाल ही में चुनाव आयोग ने सख़्त क़दम उठाते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी, सपा नेता आज़म ख़ान, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

चुनाव 2019 से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें