loader

क्या नाम के आगे 'चौकीदार' लगाकर चुनाव जीत जाएगी बीजेपी?

कांग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ के नारे को फ़ेल करने में जुटी बीजेपी ने प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और सभी बड़े नेताओं के नाम के आगे चौकीदार शब्द जोड़ दिया है। इसके अलावा कांग्रेस के नारे के जवाब में बीजेपी ने जोरशोर से 'मैं भी चौकीदार' अभियान भी शुरू किया है। बीजेपी को उम्मीद है कि इस अभियान से उसे विपक्षी दलों को जवाब देने और लोकसभा चुनाव जीतने में मदद मिलेगी। 

लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं और बीजेपी और मोदी सरकार को अपने पाँच साल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाना है। विपक्षी दल बेरोज़गारी, नोटबंदी महंगाई, किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं। इसके अलावा रफ़ाल सौदे को लेकर भी सरकार लगातार घिरती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पिछले एक साल से रफ़ाल मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। 

रफ़ाल सौदे पर कांग्रेस को जवाब देने के लिए ही नरेंद्र मोदी ने यह मुद्दा लपक लिया है और ऐसा वह 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान भी कर चुके हैं। तब नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के 'चाय वाला' के बयान को ख़ूब भुनाया था और इसे देश भर में एक मुद्दा बना दिया था। 2014 में चुनावी रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह कर लोगों की सहानूभूति बटोरी थी कि क्या चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। माना जाता है कि इस नारे का ख़ासा असर हुआ था और चुनाव में बीजेपी की जीत में इसकी अहम भूमिका रही थी।  

ताज़ा ख़बरें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही 'मैं भी चौकीदार' अभियान का वीडियो अपने फ़ेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया, कांग्रेस समर्थकों की ओर से हैशटैग #ChowkidarChorHai चलाया गया। इसका जवाब देने के लिए बीजेपी की ओर से हैशटैग #MainBhiChowkidar चलाया गया। काफ़ी देर तक ट्विटर दोनों दलों का अखाड़ा बना रहा और दोनों ही दलों के समर्थक और नेता एक-दूसरे से भिड़ते रहे। 
सम्बंधित खबरें

#MainBhiChowkidar पर लोगों ने बीजेपी नेताओं की काफ़ी खिंचाई भी की। इस हैशटैग पर ट्वीट करने वाले यूजर्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से ऑटोमैटिक रिप्लाई भी गया और इसे लेकर भी बीजेपी की काफ़ी फ़जीहत हुई। प्रधानमंत्री मोदी के ट्विटर हैंडल से पीएनबी बैंक घोटाले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पैरोडी अकाउंट को भी जब रिप्लाई गया तो लोगों ने इसका स्क्रीनशॉट रख लिया और इसे ट्विटर पर वायरल कर बीजेपी को जमकर ट्रोल कर दिया।

हैशटैग #MainBhiChowkidar में जब पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. जे. अकबर ने ट्वीट किया कि वह इस अभियान का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं तो अभिनेत्री रेणुका सहाणे ने उन्हें जवाब दिया कि अगर आप भी चौकीदार हैं तो कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है। 

bjp trying to win loksabha election on main hoon chowkidar - Satya Hindi
बीजेपी की कोशिश है कि चौकीदार शब्द पर कांग्रेस को घेर लिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैलियों में ख़ुद को देश का चौकीदार बताते रहे हैं और 'मैं भी चौकीदार' वीडियो जारी करने और ट्विटर पर उनके, अमित शाह और बाक़ी पार्टी नेताओं के नाम के आगे चौकीदार लगाने से यह तय हो गया है कि पार्टी इस मुद्दे पर आक्रामक ढंग से चुनाव लड़ेगी। ट्विटर पर अब प्रधानमंत्री मोदी का नाम 'चौकीदार नरेंद्र मोदी' हो गया है। 
इसी तरह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह व कई अन्य वरिष्ठ नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों ने भी ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया। 
bjp trying to win loksabha election on main hoon chowkidar - Satya Hindi
bjp trying to win loksabha election on main hoon chowkidar - Satya Hindi
बीजेपी नेताओं के ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लगाने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका जवाब मजेदार अंदाज में दिया। समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे 'अंबानी का चौकीदार चोर है' लगा दिया। 
bjp trying to win loksabha election on main hoon chowkidar - Satya Hindi

बीजेपी की कोशिश है कि चौकीदार शब्द पर कांग्रेस को घेर लिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैलियों में ख़ुद को देश का चौकीदार बताते रहे हैं और 'मैं भी चौकीदार' वीडियो जारी करने और ट्विटर पर उनके, अमित शाह और बाक़ी पार्टी नेताओं के नाम के आगे चौकीदार लगाने से यह तय हो गया है कि पार्टी इस मुद्दे पर आक्रामक ढंग से चुनाव लड़ेगी। 

यह साफ़ है कि बीजेपी ‘मैं चौकीदार हूँ’ अभियान को व्यापक आकार देने जा रही है। बीजेपी इसे प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ते हुए देश के हर आदमी तक पहुँचाना चाहती है। कहा जा सकता है कि बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने नेताओं के नाम के आगे चौकीदार लगाकर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वास्तव में ऐसा होगा। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

चुनाव 2019 से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें