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क्या सेना का मनोबल गिरा रही है बीजेपी?

लोकसभा चुनाव को अगर क्रिकेट मैच की तरह मानें तो इस मैच में बार-बार पिच बदल रही है। जहाँ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी नौजवान, बेरोज़गारी और किसानों की बात कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिच बदलते हुए चुनाव को राष्ट्रवाद, देश की सुरक्षा और पाकिस्तान जैसे मुद्दों की तरफ़ ले जा रहे हैं। राहुल गाँधी पीएम को बार-बार अपनी पिच पर खींच कर ला रहे हैं। वहीं पीएम मोदी राहुल को अपनी पिच पर लाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

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अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने 'राष्ट्रवाद', और देश की आंतरिक सुरक्षा वाली पिच पर भी मोदी और शाह की तेज़ गेंदबाजी पर धुआंधार बल्लेबाज़ी शुरू कर दी है। राहुल की नई कांग्रेस के आक्रामक तेवर और अंदाज़ को देखते हुए बीजेपी की नींद उड़ गई है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में देशद्रोह क़ानून को ख़त्म करने और सेना को असीमित अधिकार देने वाले 'अफ़्सपा' के क़ानून में संशोधन करने का वादा किया है। कांग्रेस का घोषणापत्र सामने आते ही बीजेपी ने कांग्रेस पर ज़ोरदार हमले बोले। ख़ुद पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर देश को कमज़ोर करने का आरोप लगाया। एक बार तो लगा कि कांग्रेस शायद ये वादे करके फँस गई है। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐसा पलटवार किया कि बीजेपी चारों खाने चित्त नज़र आ रही है।

सुरजेवाला ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से चार सवाल पूछे। उन्होंने पूछा, ‘राष्ट्र विरोधी कौन है? सेना का विरोधी कौन है? हमारे बहादुर सैनिकों का मनोबल कौन तोड़ रहा है? और पाकिस्तानी एजेंट के रूप में कौन काम कर रहा है?’

सुरजेवाला ने मोदी का वीडियो क्यों दिखाया?

सुरजेवाला ने एक वीडियो दिखाया। यह वीडियो 8 दिसंबर 2014 का है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 56 इंच की छाती ठोक कर कश्मीरी अवाम से कह रहे हैं कि वह देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिनके राज में सेना के कमांडर ने अपनी ग़लती के लिए सार्वजनिक तौर पर बाकायदा प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके माफ़ी माँगी है और ऐसा पिछले 30 साल में पहली बार हुआ है। कश्मीरी अवाम पर गोली चलाने वाले सेना के जवानों के ख़िलाफ़ जाँच करवा कर उन्हें सजा दिलवाई। इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं दिखाई थी। यह दावा करने के बाद प्रधानमंत्री कहते हैं कि यह उनकी साफ़ नीयत का बेहतरीन उदाहरण है। यह वीडियो दिखाने के बाद रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि प्रधानमंत्री बताएँ कि ऐसा कहकर वह सेना का मनोबल गिरा रहे थे या कश्मीरी अवाम से तालियाँ बटोर रहे थे?

सेना से ज़्यादा साहस व्यापारी में?

एक दूसरे वीडियो क्लिप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कहते हुए दिखाई पड़ते हैं, 'एक सैनिक जोख़िम उठाने का जितना साहस दिखाता है, उससे कहीं ज़्यादा साहस व्यापारी दिखाता है।' यह वीडियो 27 फ़रवरी 2014 को मुंबई में हुई बीजेपी की एक बैठक का बताया जाता है। यह वीडियो दिखाने के बाद सुरजेवाला ने पूछा है कि प्रधानमंत्री जवाब दें कि ऐसा कहकर वह सेना के जवानों का मनोबल गिरा रहे थे या धंधा करने वालों का गुणगान कर रहे थे? उन्होंने आगे तंज़ कसते हुए कहा कि बाद में उन्हीं व्यापारियों के ख़िलाफ़ पीएम मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी के ज़रिए सर्जिकल स्ट्राइक करके उनकी कमर तोड़ दी है।

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जेटली बोगस ब्लॉगर फाइनेंस मिनिस्टर : सुरजेवाला

सुरजेवाला ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर मोदी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली को लपेटा। उन्होंने अरुण जेटली को 'बोगस ब्लॉगर फाइनेंस मिनिस्टर' बताते हुए कहा, 'कांग्रेस के घोषणापत्र को उन्होंने राष्ट्र विरोधी क़रार दिया, क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को, जिसमें ये लिखा गया है कि अगर आप बलात्कार करेंगे या हत्या करें, तो ‘आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर एक्ट’ के बावजूद आपके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलेगा', शामिल किया। उन्होंने आगे कहा, 'कांग्रेस बलात्कार कहे या हत्या कहे, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, उन्होंने अपने घोषणापत्र में क्यों लिख दिया? पर उसी दिन उन्हीं बोगस ब्लॉग फाइनेंस मिनिस्टर ने अरुणाचल प्रदेश से ‘आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट’ पूरी तरह से हटा दिया।'

बीजेपी ने अफ़्सपा क्यों हटाया?

सुरजेवाला ने पूछा, ‘क्या यह एंटी-नेशनल एक्ट था? क्योंकि वह कह रहे हैं कि ‘आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट’ में अगर आप बलात्कार की सजा दे दें या हत्या की सजा दे दें, तो ये डायल्शून है, उन्होंने तो पूरा क़ानून ही हटा दिया, तो क्या यह अरुण जेटली जी का एंटी-नेशनल एक्ट था? भारतीय जनता पार्टी को अब बता देना चाहिए।’ सुरजेवाला ने कहा कि अप्रैल, 2018 में बीजेपी की सरकार ने 27 साल बाद मेघालय से ‘आर्म्ड फ़ोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट’ को ख़त्म कर दिया। तो क्या यह राष्ट्र विरोधी क़ानून काम था, जो बीजेपी, अरुण जेटली जी और मोदी जी ने किया था? इसी तरह से 2015 में मोदी सरकार बनने के बाद त्रिपुरा से ‘आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट’ को 18 साल बाद बिल्कुल हटा दिया बीजेपी ने, क्योंकि उनका तो चुनावी वायदा था, हमने आपको पहले ही बता दिया था। तो अरुण जेटली जी और मोदी जी बता दें कि क्या ये एंटी-नेशनल एक्ट था?

राहुल गाँधी लगातार कहते रहे हैं कि अब वह बैकफ़ुट पर नहीं बल्कि फ़्रंटफ़ुट पर खेलेंगे। अभी तक कांग्रेस 'राष्ट्रवाद', देश के आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर थोड़ा बचाव की मुद्रा में दिखती थी। अब राहुल गाँधी इन मुद्दों पर भी आक्रामक दिख रहे हैं। सुरजेवाला के तीखे तेवर इसका एक उदाहरण है।

सुरजेवाला ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के लिखे ब्लॉग के सहारे भी पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भले ही लालकृष्ण आडवाणी से तमाम मुद्दों पर हमारे मतभेद होने के बावजूद हम उनकी इस बात से सहमत हैं कि राजनीतिक विरोधियों को राष्ट्र-विरोधी नहीं कहा जाना चाहिए। सुरजेवाला ने इस बात पर हैरानी जताई कि अपने बुजुर्ग नेता की नसीहत के ऊपर भी पीएम मोदी और अमित शाह ने कोई टिप्पणी करना तक मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को आडवाणी का नालायक चेला क़रार दिया।

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यूसुफ़ अंसारी

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