नमस्कार,
मैं प्रियंका गाँधी बोल रही हूँ। अगर इस तरह का कोई फ़ोन कॉल आपके पास आ जाए तो एक बार को तो आपको भरोसा ही नहीं होगा, पहले आप सोचेंगे कि भला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी मुझे क्यों फ़ोन करेंगी, लेकिन जब आपको पता लगेगा कि वास्तव में आपके पास प्रियंका गाँधी का ही फ़ोन आया है तो निश्चित तौर पर आप ख़ुश होंगे। इस बात को आप लोगों के साथ शेयर भी करेंगे। ऐसा हक़ीकत में होने जा रहा है क्योंकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने कांग्रेस की बेहद ग़रीब लोगों को ₹72,000 सालाना दिए जाने की ‘न्याय योजना’ को घर-घर तक पहुँचाने का बीड़ा उठा लिया है। कांग्रेस इस योजना को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर पेश कर रही है।
कांग्रेस का मक़सद ‘न्याय योजना’ के जरिए गाँव-देहात के उन ग़रीब लोगों तक पहुँचना और उन्हें वोटों में तब्दील करना है जिनकी इस योजना से किस्मत बदलने की कांग्रेस को उम्मीद है। इस काम को अंजाम देने के लिए प्रियंका गाँधी ने पूरी तरह कमान संभाल ली है।
प्रियंका ने शुक्रवार को कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे फ़ोन पर संपर्क करके उन्हें घर-घर जाकर पार्टी की महत्वाकांक्षी ‘न्याय योजना’ के बारे में मुकम्मल जानकारी देने की हिदायत दी है। बाद में प्रियंका का रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज एक करोड़ वेरिफ़ाइड कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भेजा गया है। इनमें 68 लाख कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता हैं। प्रियंका ने शुक्रवार को कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे फ़ोन पर संपर्क करके उन्हें घर-घर जाकर पार्टी की महत्वाकांक्षी ‘न्याय योजना’ के बारे में मुकम्मल जानकारी देने की हिदायत दी है। बाद में प्रियंका का रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज एक करोड़ वेरिफ़ाइड कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भेजा गया है। इनमें 68 लाख कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता हैं।
ग़ौरतलब है कि कांग्रेस ने ‘शक्ति एप’ के जरिए देशभर में अपने कार्यकर्ताओं, समर्थकों और पार्टी से सहानुभूति रखने वाले लोगों को रजिस्टर्ड करके एक बड़ा डाटा बैंक बनाया है। ‘शक्ति एप’ पर रजिस्टर्ड सभी लोगों से उनके वोटर आईडी कार्ड का नंबर और मोबाइल नंबर लेकर यह सुनिश्चित किया गया है कि वे लोग देश के मतदाता भी हैं।
आपको बता दें कि शुक्रवार को ‘सत्य हिंदी’ ने अपने पाठकों को बताया था कि प्रियंका गाँधी पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे फ़ोन पर बात करके उन्हें कुछ ज़रूरी हिदायत देंगी। शाम होते-होते प्रियंका ने अपने इस मिशन पर पर काम भी शुरू भी कर दिया।
प्रियंका के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सीधे बात करने और उनका रिकॉर्डेड मैसेज कार्यकर्ताओं तक पहुँचने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ गया है और पार्टी में हर स्तर पर इसकी चर्चा भी हो रही है।
कांग्रेस के डाटा एनालिसिस विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रियंका गाँधी पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे फ़ोन पर संपर्क कर रही हैं। इसमें भी उनका फ़ोकस महिला कार्यकर्ताओं पर ज़्यादा है।
एक करोड़ कार्यकर्ताओं को भेजा मैसेज
विभाग की तरफ़ से प्रियंका को पार्टी के चुनिंदा कार्यकर्ताओं के नाम, पता और मोबाइल नंबर मुहैया कराए गए हैं। हालाँकि चक्रवर्ती यह जानकारी नहीं दे पाए कि अब तक प्रियंका ने कितने कार्यकर्ताओं से सीधे फ़ोन पर बात की है। उनका कहना है कि यह एक सतत प्रक्रिया है। जब उन्हें समय मिलता है, वह कुछ लोगों से बात कर लेतींं हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी के एक करोड़ वेरिफ़ाइड कार्यकर्ताओं को प्रियंका गाँधी की आवाज़ में रिकॉर्डेड मैसेज भेजा गया है। इसका रिस्पॉन्स देख कर आगे भी इसी तरह के और मैसेज भेजे जाएँगे।
एक करोड़ पार्टी कार्यकर्ताओं को भेजा गया प्रियंका गाँधी का रिकॉर्डेड मैसेज 37 सेकेंड का है। इसमें प्रियंका गाँधी ने बहुत ही सहज भाव से कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर ‘न्याय योजना’ के बारे में विस्तार से जानकारी देने की अपील की है। मैसेज कुछ इस तरह है -
नमस्कार,
मैं प्रियंका गाँधी बोल रही हूँ। आप सब को मालूम होगा कि कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में एक योजना है जिसका नाम है ‘न्याय योजना’। इस योजना के तहत हर ग़रीब परिवार को ₹72000 सालाना मिलेंगे। और सबसे बड़ी बात आपको मालूम है, क्या है? वह यह कि ये पैसे सीधे घर की महिला के खाते में जाएँगे। तो आप की एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। घर-घर में हर परिवार को ‘न्याय योजना’ के बारे में बताइए। और ख़ास तौर से अपनी बहनों को बताइए कि इस योजना से उनको कितना लाभ होगा। धन्यवाद
मोदी को चुनौती दे रहीं प्रियंका
प्रियंका गाँधी की आवाज़ में आधे मिनट से ज़्यादा के इस ऑडियो मैसेज से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हौसला कितना बढ़ेगा और वह कांग्रेस की महत्वाकांक्षी ‘न्याय योजना’ को कितने घरों तक पहुंचाकर उनके वोट पार्टी की झोली में डलवा पाते हैं यह तो 23 मई को पता चलेगा। लेकिन एक बात साफ़ है कि प्रियंका गाँधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर तकनीक अपना कर उन्हें चुनौती दे रही हैं।
प्रियंका की तरफ़ से अचानक उठाए जा रहे इस तरह के क़दमों से बीजेपी में बेचैनी है। बीजेपी के रणनीतिकार यह समझ पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं कि प्रियंका का अगला क़दम क्या होगा। जब तक वे एक क़दम समझ कर उसकी काट ढूँढ पाते हैं तब तक प्रियंका कोई नया दाँव चल देती हैं।
प्रियंका के इस अंदाज ने लोकसभा चुनाव में चल रही सत्ता की जंग को और दिलचस्प बना दिया है।
ग़ौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने तब पार्टी की तरफ़ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ब्रांडिंग के लिए ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ का नारा दिया था और तब कांग्रेस इसकी काट नहीं ढूँढ पाई थी।
इस चुनाव में कांग्रेस ‘घर-घर न्याय, हर घर न्याय’ की मुहिम छेड़ कर मज़बूती से इसका जवाब दे रही है। पार्टी में महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनने के बाद शुरुआती दिनों में प्रियंका उतनी सक्रिय नहीं थीं। चुनाव के एलान के बाद से अचानक उनकी सक्रियता बढ़ी है।
प्रियंका के उत्तर प्रदेश के लगातार दौरों ने पहले से ही बीजेपी की चिंता बढ़ाई हुई है। अब कांग्रेस जिस तरह प्रियंका की आवाज़ में कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को मैसेज भेज कर चुनाव की बाजी पलटने की कोशिश कर रही है, उससे बीजेपी के ख़ेमे में बेचैनी का माहौल है।
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