कांग्रेस ने रॉबर्ट वाड्रा की संभावित गिरफ़्तारी से पहले ही प्रियंका गाँधी को सक्रिय राजनीति में उतार दिया। यह एक तरह से कांग्रेस का 'प्रीएम्पटिव स्ट्राइक' था। प्रियंका के राजनीति में आने से होे सकने वाले नुक़सान को कम करने के लिए मोदी सरकार ने वाड्रा को गिरफ्तार करने की योजना बनाई थी। उस योजना को लागू करने से पहले ही कांग्रेस ने प्रियंका को राजनीति में उतार कर सरकार की चाल नाकाम कर दी।
बीजेपी ने कहा : राहुल गाँधी फ़ेल इसलिए प्रियंका को लाया गया
रैली का इंतज़ार : लखनऊ में 10 फ़रवरी को प्रियंका गाँधी की रैली
इस सूचना पर 10 जनपथ में चले चंद घंटों के एक गोपनीय मंथन के तुरंत बाद प्रियंका गाँधी के सक्रिय राजनीति में पदार्पण की घोषणा कर दी गई। इसकी जानकारी परिवार के सिवा सिर्फ़ एक व्यक्ति राज्यसभा सांसद अहमद पटेल को थी।
यहाँ तक कि ग़ुलाम नबी आज़ाद जो प्रियंका की नियुक्ति की घोषणा तक यूपी के प्रभारी थे, उस दिन सुबह छह बजे की फ़्लाइट से दिल्ली से लखनऊ पहुँचे थे और वहाँ उन्हें कई कार्यक्रमों में भाग लेना था। आज़ाद को उत्तर प्रदेश के प्रभारी पद से हटाया जाएगा, यह तय था और 'सत्य हिन्दी' ने यह खबर दी थी। पर यह प्रियंका के अमेरिका से वापस लौटने के बाद होना था। ख़ुद आज़ाद को पता नहीं था कि कुछ घंटों बाद ही उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
रॉबर्ट वाड्रा गिरफ़्तार हो जाते तो बीजेपी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के तमाम तरह के आरोप लगा कर उसे पूरी तरह घेर लेती। चुनाव के ठीक पहले गाँधी परिवार के किसी आदमी की गिरफ़्तारी से कांग्रेस को बहुत ही अधिक राजनीतिक नुक़सान होता। बीजेपी इस गिरफ़्तारी को खूब प्रचारित करती और उसका भरपूर सियासी इस्तेमाल करती। लेकिन प्रियंका की नियुक्ति से मामला उलट गया। अब यदि उनके पति गिरफ़्तार होते हैं तो कांग्रेस पार्टी राजनीतिक बदले की भावना और केंद्रीय एजंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल का ज़बरदस्त प्रचार कर बीजेपी और सरकार को घेर सकती है। इससे इसे लोगों की सहानुभूति मिल सकती है और वह उसका फ़ायदा उठा सकती है।
फ़ेल हो गई योजना
ख़ुफ़िया तंत्र ने सरकार को बता दिया था कि प्रियंका गाँधी को राजनीति में लाकर कांग्रेस 'मास्टर स्ट्रोक' खेलना चाहती है जो आम चुनाव में बहुत बड़ा मुद्दा बन सकता है। इसकी हवा निकालने के लिए 7, लोक कल्याण मार्ग ने एजेंसियों के द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को उठा लेने का जोख़िम लेने का फ़ैसला ले लिया था। उनको भरोसा था कि इससे प्रियंका गाँधी ख़ुद और कांग्रेस रक्षात्मक हालत में होगी।
अपनी राय बतायें