सरकार और मुख्यमंत्री का सिरदर्द बढ़ाने वाली एक नयी ‘वारदात’ प्रदेश में हुई है। बेखौफ चोरों ने मुख्यमंत्री शिवराज के वेयर हाउस को निशाना बनाते हुए हाथ साफ़ कर डाला है।
मध्य प्रदेश के गुना शहर में पुलिस द्वारा एक दलित किसान परिवार की बर्बर पिटाई और किसान दंपत्ति द्वारा कीटनाशक पी लेने की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने गुना के एसपी और कलेक्टर को हटा दिया।
गुना शहर के पीजी काॅलेज से लगी सरकारी जमीन पर राजकुमार अहिरवार नामक दलित शख्स लंबे अर्से से खेती कर रहा था। लेकिन सरकारी अमले ने उसकी फसल पर बुलडोज़र चला दिया।
इंदौर और भोपाल के बाद मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर ज़िलों में कोरोना संक्रमण के मामलों में जिस तेज़ी से उछाल आया है, उससे क्या यह नहीं लगता कि शिवराज सरकार कोविड-19 के ख़िलाफ़ जंग में या तो पस्त हो गई है?
मध्य प्रदेश में एक और ‘हनी ट्रैप’ सुर्खियों में है। नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और शोषण के बाद कथित तौर पर सफेदपोशों को परोसे जाने को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस को एक अख़बार मालिक की सरगर्मी से तलाश है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंततः अपने काबीना सहयोगियों को विभाग बाँट दिये। विभागों के वितरण में उन्हें दस दिन लगे। अधिकांश भारी-भरकम और ‘मलाईदार’ विभाग ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों को देने पड़े।
उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के उज्जैन में पकड़े जाने और एनकाउंटर तक को लेकर बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने भी विकास के मध्य प्रदेश में प्रवेश से लेकर पहचान तक को लेकर सवाल दागे हैं।
उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता और राज्यसभा के सदस्य विवेक तन्खा ने कहा है कि गैंगस्टर विकास दुबे का अंत गोली नहीं फाँसी से होना चाहिए था।
विकास दुबे पिछले सप्ताह तब देश और दुनिया भर में मीडिया की सुर्खी बना था जब कानपुर में उसे पकड़ने गए पुलिस दल पर उसने और उसके साथी बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थीं।