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प्रतीकात्मक तसवीर।

एमपी: पीएम केयर्स के 40 में से 9 वेंटिलेटर ख़राब, मरीज की मौत

पीएम केयर्स फंड से मिले वेंटिलेटरों की कथित तौर पर घटिया क्वालिटी ने भोपाल स्थित मध्य प्रदेश के सबसे पुराने एवं बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में कोरोना संक्रमित एक गंभीर रोगी की जान ले ली। वेंटिलेटर अचानक जवाब दे गया। दूसरे वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर पाने के प्रयासों के बीच रोगी की जान चली गई।

घटनाक्रम सोमवार शाम को हुआ। हमीदिया अस्पताल के मेडिकल वार्ड नंबर तीन में भर्ती रोगी रामकुमार (58 वर्ष) की शाम होते-होते तबीयत बिगड़ी। उन्हें वेंटिलेटर लगा हुआ था। बेचैनी बढ़ने पर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ पहुँचा। जाँच-पड़ताल के बीच वेंटिलेटर जवाब दे गया। वेंटिलेटर बंद हुआ तो हड़कंप मचा। आनन-फानन में उसे पुनः शुरू करने के प्रयास हुए। कोशिश असफल रही। अन्य वेंटिलेटर मंगाया गया। जब तक दूसरा वेंटिलेटर लगाते रोगी की जान चली गई।

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अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर लोकेन्द्र दवे को देर रात तक इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं मिल पायी थी। मीडिया के पूछने पर उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के साथ ही जाँच कराने की बात कही। उधर सूत्रों ने बताया वेंटिलेटर में खराबी आने और दूसरे वेंटिलेटर पर शिफ्ट करने के प्रयासों के बीच रोगी की जान गई।

सत्य हिन्दी ने मंगलवार को डॉक्टर लोकेंद्र दवे से कई बार संपर्क किया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। वाट्सऐप पर भी जवाब मांगा लेकिन समाचार लिखे जाने के समय तक उनका कोई जवाब नहीं आया।

अस्पताल प्रबंधन की मुश्किलें

हमीदिया अस्पताल को पीएम केयर फंड से अब तक 40 वेंटिलेटर मिले हैं। इनमें से नौ ख़राब हो चुके हैं। कोरोना के गंभीर रोगियों को बचाने के लिए वेंटिलेटर की बहुत ज़्यादा आवश्यकता पड़ रही है। इन हालातों में इन वेंटिलेटरों द्वारा धोखा दे दिये जाने से अस्पताल प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

डॉक्टर दवे ने पीएम केयर फंड से अब तक मिले कुल 40 में से नौ वेंटिलेटरों के ख़राब होने की ख़बर को भी पुष्ट किया। उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर सप्लाई करने वाली कंपनियों को अस्पताल प्रबंधन ने लिखकर दे दिया है। ख़राब वेंटिलेटरों को तत्काल बदलने की मांग की गई है।

वेंटिलेटर के ख़राब होने से जिस शख्स की मौत हुई वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्वाचन क्षेत्र बुदनी का रहने वाला था। विधानसभा क्षेत्र में आने वाली नसरुल्लागंज तहसील के अस्पताल में कोरोना का उसका उपचार चल रहा था। हालत बिगड़ने पर उसे सोमवार को ही भोपाल के हमीदिया अस्पताल में रेफर किया गया था।

मामले की जाँच के आदेश दिये हैं: सारंग

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के अनुसार हमीदिया अस्पताल में वेंटिलेटर में आयी कथित ख़राबी से कोरोना रोगी की मौत के मामले की जाँच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएम केयर फंड से सप्लाई हुए कई वेंटिलेटरों में ख़राबी को लेकर सप्लायर कंपनी को सूचना दी गई है। काफ़ी संख्या में वेंटिलेटर ख़राब होने संबंधी शिकायत की जाँच भी सरकार करवा रही है।

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कंपनी पर केस दर्ज हो: कांग्रेस

मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने हमीदिया अस्पताल में वेंटिलेटर की ख़राबी से रोगी की मौत के मामले में वेंटिलेटर सप्लाई करने वाली कंपनी के ख़िलाफ़ ग़ैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। गुप्ता ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘पीएम केयर फंड में देश की जनता की गाढ़ी कमाई से जुटा हुआ धन होता है। आपदा को अवसर में बदलकर मुनाफा कमाने वाले इस फंड और पीएम की गरिमा को भी नहीं बख्श रहे हैं। ऐसी कंपनियों को तत्काल ब्लैकलिस्ट करना चाहिये।’

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बता दें कि मध्य प्रदेश भी कोरोना की दूसरी लहर की जबरदस्त चपेट में है। रिकॉर्ड संख्या में नये रोगियों आ रहे हैं और इस बीच तमाम स्वास्थ्य सुविधाएँ कम पड़ गई हैं। अस्पतालों में बेड नहीं हैं। ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शनों के साथ ज़रूरी दवाओं की कमी कोढ़ में खाज बन गई है। 

राज्य में दूसरी लहर में 13 हज़ार और इससे कुछ ज़्यादा रोगी मिलने का कीर्तिमान भी बना है। शिवराज सरकार ने पिछले तीन सप्ताह से प्रदेश भर में कोरोना कर्फ़्यू लागू कर रखा है। कुछ ज़िलों में कर्फ़्यू की मियाद बढ़ाई भी गई है।

लगातार कर्फ़्यू और सख्ती के बावजूद हालात अभी काबू में नहीं आ पाये हैं। कुछेक ज़िलों में नये रोगियों की संख्या में मामूली गिरावट के अलावा नये रोगियों के मिलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। दूसरी लहर में मौतों के आँकड़े भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। 

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे के आँकड़ों के अनुसार सोमवार को राज्य में कोरोना के 12 हज़ार 62 नये रोगी मिले। जबकि 24 घंटों में 93 मौतें दर्ज की गईं। सबसे ज़्यादा 1787 नये रोगी इंदौर में मिले। जबकि भोपाल में नये रोगियों का एक दिन का आँकड़ा 1669 रहा। सोमवार को राज्य में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 85 हजार 750 थी।

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संजीव श्रीवास्तव

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