loader

कोरोना: 24 घंटे में रिकॉर्ड 3780 मौतें, 3.82 लाख पॉजिटिव केस

कोरोना संक्रमण से मंगलवार को रिकॉर्ड मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को जारी मंगलवार के 24 घंटे के आँकड़ों के अनुसार 3780 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है। यह एक दिन में अब तक सबसे ज़्यादा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 3 लाख 82 हज़ार 315 मामले सामने आए हैं। इससे एक दिन पहले एक दिन में 3 लाख 57 हज़ार 229 मामले आए थे और इस दौरान 3449 लोगों की मौत हुई थी। देश में सबसे ज़्यादा मामले एक मई को आए थे। तब 24 घंटे में 4 लाख से ज़्यादा केस आए थे। 

अब ताज़ा मामले आने के बाद देश में अब तक कुल संक्रमित होने वालों की संख्या 2 करोड़ 6 लाख 65 हज़ार 148 हो चुकी है। भारत में अब तक 2 लाख 26 हज़ार 188 कोरोना मरीज़ों की मौत हो चुकी है। सक्रिए मामलों की संख्या काफ़ी ज़्यादा हो गई है। देश में फ़िलहाल 34 लाख 87 हज़ार से ज़्यादा सक्रिय मामले हो चुके हैं।

ताज़ा ख़बरें

महाराष्ट्र देश में सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य है। यहाँ मंगलवार को 51,880 नए मामल सामने आए। राज्य में कुल मामले 48.22 लाख से अधिक हो गये हैं। महाराष्ट्र के बाद सबसे ज़्यादा मामले केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में आए हैं। इतना ज़्यादा मामले आने की वजह से देश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं, ऑक्सीजन की भारी कमी है, ज़रूरी दवाएँ भी नहीं मिल पा रही हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं कि मरीज़ों की देखभाल के लिए डॉक्टर भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं।

देश के अलग-अलग हिस्सों में तो मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीज़ों की मौत की लगातार ख़बरें आ रही हैं। केंद्र सरकार को इसके लिए ज़बर्दस्त आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों और आम लोगों से तो मोदी सरकार दबाव में है ही, अदालतों ने भी सरकार की खिंचाई की है। 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए इससे जुड़े सरकारी अधिकारियों को जो़रदार फटकार लगाई है और कहा है कि इसकी आपूर्ति नहीं करना अपराध है और यह किसी तरह नरसंहार से कम नहीं है। 

लखनऊ और मेरठ ज़िलों में ऑक्सीजन की कमी से कुछ लोगों की मौत होने से जुड़ी खबरों पर प्रतिक्रिया जताते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की और जाँच का आदेश दे दिया। 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, 'हमें यह देख कर तकलीफ़ हो रही है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोरोना रोगियों की मौत हो रही है।'

अदालत ने इसके आगे टिप्पणी की, 'जिन अधिकारियों को ऑक्सीजन लेने और अस्पतालों को उसकी लगातार आपूर्ति करने की ज़िम्मेदारी दी गई है, ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं करना उनकी ओर से किया गया अपराध है और किसी तरह नरसंहार से कम नहीं है।'

india daily coronavirus cases registered 3.82 lakh, 3780 died - Satya Hindi

केंद्र को अवमानना का नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को अदालत की अवमानना का नोटिस दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आपको सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना ही होगा, ऐसा नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि एक मई के हमारे आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना ​​की कार्रवाई क्यों न की जाए, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑक्सीजन देने का आदेश पारित किया था।

केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक अनुपालन हलफनामा दायर किया जा रहा है। इस पर हाई कोर्ट ने पूछा कि जब आवश्यक ऑक्सीजन दिल्ली में नहीं लाई जा रही है तो हलफनामा क्या करेगा।

देश से और ख़बरें

अस्पताल में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ की कमी को देखते हुए मेडिकल इंटर्न्स और एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों को कोरोना मरीजों की देखभाल के काम में लगाया जाएगा। सरकार ने यह फ़ैसला इसलिए लिया है कि कोरोना संक्रमित लोगों की देखभाल के लिए अधिक संख्या में स्वास्थ्य कर्मी मिल सकें।

अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों को कोरोना से हल्के रूप से प्रभावित लोगों के इलाज में लगाया जा सकेगा, जबकि इन्टर्न्स टेली-मेडिसिन में भाग ले सकेंगे। ये दोनों ही समूह के लोग वरिष्ठ डॉक्टर की देखरेख में ही काम करेंगे। इसी तरह जीएनएम यानी जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफ़ पास नर्सों को कोरोना मरीजों की देखभाल में लगाया जाएगा, पर वे भी वरिष्ठों की देखरेख में ही काम करेंगी। 

इसके साथ ही सरकार ने पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षा भी टाल दी है और अब यह 31 अगस्त के बाद ही ली जाएगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें