मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शपथ ग्रहण के तुरन्त बाद राज्य में चल रही हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की वे ऐसा कुछ न करें जिससे हिंसा को और बढ़ावा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि शपथ ग्रहण करने के साथ ही क़ानून व्यवस्था का कामकाज संभाल लिया है, थोड़ी देर में ही पुलिस प्रमुख और दूसरे अफ़सरों से मुलाक़ात करेंगी। उन्होंने कहा कि वह हार में हिंसा को रोकेंगी।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा है कि हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी हो, किसी भी दल का हो।
राज्यपाल की नसीहत
राज्यपाल धनखड़ ने राज्य की क़ानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को इसे हर हाल में तुरन्त रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए और दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा के शिकार हुए लोगों खास कर महिलाओं व बच्चों को तुरन्त राहत पहुंचाई जानी चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें नए किस्म के शासन को स्थापित करना चाहिए जहाँ लोकतांत्रिक मूल्यों और क़ानून के राज्य पर ज़ोर हो।
राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल को सहकारी संघवाद (कोऑपरेटिव फ़ेडरेलिज्म) के मुताबिक ही काम करना चाहिए और सबसे सहयोग करना चाहिए। उनका इशारा यह था कि पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र से किसी मुद्दे पर टकराव न ले और उससे सहयोग करे।
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