जैसी कि पहले से आशंका थी कोरोना वायरस और लॉकडाउन से लोगों की मानसिक स्वास्थ्य की दिक्कतें बढ़ेंगी, अब इसके आँकड़े भी आने लगे हैं। एक हेल्पलाइन पर दो महीने में 45 हज़ार लोगों ने संपर्क किया है।
पहली बार महाराष्ट्र में संक्रमण के मामलों की दर देश के मुक़ाबले कम रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहे कोरोना के मामलों में भी महाराष्ट्र के मामलों की संख्या कम हो रही है।
तेज़ी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच ही महाराष्ट्र में लॉकडाउन को तो 30 जून तक बढ़ाया ही गया है, पर साथ ही नियमों में ढील देने के लिए 'मिशन बिगिन अगेन' यानी 'फिर शुरू करें मिशन' शुरू किया गया है।
प्रदेश में कोरोना का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और देश के एक तिहाई से ज़्यादा संक्रमण और उसकी वजह से होने वाली मौत के आँकड़े महाराष्ट्र से ही हैं। तो क्या महाराष्ट्र सरकार कुछ नहीं कर रही है?
नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा है कि बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के 1,529 फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित हैं और 25 लोगों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भी गुजरात जैसी ही स्थिति में हैं और और इनकी सरकारों ने कोरोना वायरस के सामने सरेंडर कर दिया है।
रिपब्लिक टीवी चैनल के एडिटर इन चीफ़ अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल ही बंद किए गए एक केस को दोबारा खोलने का आदेश दिया है।
कोरोना महामारी के संकट के दौरान जब लाखों श्रमिक महानगरों को छोड़कर जा रहे हैं, ऐसे में रेल को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के बीच हो रही राजनीति बेहद दुखद है।
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार में फ़ैसले लेने में कांग्रेस की प्रमुख भूमिका नहीं है।