क्या महाराष्ट्र में एक बार फिर कोई बड़ा सियासी उलटफेर होने जा रहा है। बीते दो दिनों से महाराष्ट्र में चल रही ताबड़तोड़ बैठकों से राज्य का सियासी तापमान बढ़ गया है।
हिंदू की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई और बेटे ने कथित रूप से उनकी चिता को आग देने से इनकार कर दिया। स्थानीय संगठन से जुड़े मुसलिम युवकों ने अंतिम संस्कार किया और चिता को आग भी दी।
महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना का संकट देश में सर्वाधिक है लेकिन उससे हटकर यहाँ सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव का एक नया ही खेल चल रहा है। एक विवाद पर पर्दा गिरता है तो दूसरा शुरू हो जा रहा है।
महाराष्ट्र बीजेपी ने शुक्रवार को राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया था लेकिन इसमें शामिल बच्चों के मास्क न पहनने को लेकर वह बुरी तरह घिर गई है।
कोरोना संकट के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुक़सान की वजह से महाराष्ट्र सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती कर दी है। इससे डॉक्टर्स को ख़ासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार जब देश भर में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने और साथ ही इसमें ढील देने के लिए घोषणाएँ कर रही थी तब महाराष्ट्र में कोरोना वायरस पॉजिटिव के मामले रिकॉर्ड बना रहे थे।
महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु सरकार ने 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। पंजाब और मिज़ोरम ने अपने-अपने राज्यों में पहले ही 31 मई तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया है जबकि तेलंगाना ने इसे 29 मई तक के लिए बढ़ाया है।