loader

प्रोड्यूसर मुकेश भट्ट को सुशांत सिंह से मिलने पर कुछ अजीब लगा था

बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि उन्होंने अवसाद के कारण यह कदम उठाया होगा। 
रविवार को उनके घर की छत से लटकता उनका हुआ शव मिला है। पूरे फ़िल्म उद्योग में इस पर शोक छा गया है। 

ख़बरें हैं कि सुशांत सिंह राजपूत पिछले 6 महीने से डिप्रेशन का शिकार थे। टाइम्स नाउ के साथ बात करते हुए फ़िल्म प्रोड्यूसर मुकेश भट्ट ने कहा, ‘मैं सुशांत सिंह राजपूत से पहली बार 2012 में मिला था उस वक्त मैं आशिकी-2 की कास्टिंग के लिए लोगों से मिल रहा था।'
मुकेश भट्ट ने कहा, 'कुछ दिनों पहले जब सड़क 2 की कास्ट के लिए मैं सुशांत से मिला तो वो मुझे काफी परेशान सा लगा और मैंने पूछा भी कि तुम ठीक हो? सुशांत ने कहा हां मैं ठीक हूं?'
इस फ़िल्म निर्देशक ने ट्वीट किया, 'मुझे लग रहा था कि कुछ तो दिक्कत है इस लड़के को और बात करते हुए ऐसा लग रहा था कि वो यहाँ है ही नहीं। ऐसा ही मुझे परवीन बॉबी के वक्त भी महसूस हुआ था जो कि सुशांत के साथ महसूस हुआ। आज मेरे लिए यह शॉकिंग खबर नहीं है क्योंकि मैं यह पहले ही महसूस कर चुका था।’

इंजीनियरिंग के छात्र सुशांत

सुशांत पढ़ाई में हमेशा टॉपर थे। वह 11वीं में फिजिक्स ओलंपियाड में गए थे और वहाँ उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में पढ़ाई करते हुए सुशांत को लगा कि उन्हें कुछ एक्स्ट्रा एक्टिविटी करनी चाहिए। 
उन्होंने श्यामक डावर के डांस ग्रुप को ज्वाइन किया और फिर पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। सुशांत ने देश-विदेश में कई डांस शोज़ किए और इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ जूनियर डांसर के तौर पर भी डांस किया था। 
सुशांत सिंह राजपूत ने साल 2008 में सीरियल 'किस देश में है मेरा दिल' से बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा था और उसके बार सीरियल 'पवित्र रिश्ता' में लीड रोल मान का किरदार निभाया। इस सीरियल से सुशांत को पहचान मिल गई थी। साल 2013 में आई फ़िल्म 'काई पो छे' से सुशांत ने फिल्मी डेब्यू किया।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
दीपाली श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

श्रद्धांजलि से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें