loader

हमेशा मुस्कुराते रहे ऋषि कपूर, अंतिम समय तक कर रहे थे डॉक्टरों का मनोरंजन

अभिनेता ऋषि कपूर के निधन से जहाँ एक तरफ़ पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री सदमे में है वहीं उनके परिवार के लिए भी यह काफ़ी मुश्किल समय है। ऋषि कपूर हमेशा मुस्कुराते रहे और आख़िरी समय में भी अस्पताल में डॉक्टरों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास करते रहे। निधन के बाद उनके परिवार की तरफ़ से जारी बयान में भी यही कहा गया है। 

बयान में कहा गया है, ‘हमारे प्रिय ऋषि कपूर का ल्यूकेमिया के चलते दो साल की लड़ाई के बाद आज सुबह 8:45 बजे अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ ने कहा कि वह अंतिम समय तक उनका मनोरंजन कर रहे थे। दो महाद्वीपों में दो साल के उपचार के दौरान वह इसे पूरी तरह से जीने के लिए दृढ़ थे। परिवार, दोस्त, भोजन और फ़िल्में उनके केंद्र में बने रहे और इस दौरान उनसे मिलने वाला हर कोई इस बात से हैरान था कि उन्होंने अपनी बीमारी को किस तरह से हावी नहीं होने दिया और वह अंत समय तक मुस्कुराते रहे।’

ताज़ा ख़बरें

बयान में आगे कहा गया है, ‘वह अपने प्रशंसकों के प्यार के लिए आभारी थे जो उन्हें दुनिया भर से मिला था। उनके निधन पर वे सभी समझेंगे कि वह एक मुस्कान के साथ याद किया जाना पसंद करेंगे न कि आँसू के साथ। व्यक्तिगत नुक़सान की इस घड़ी में हम यह भी समझते हैं कि दुनिया बहुत मुश्किल और परेशान समय से गुज़र रही है। लॉकडाउन के चलते सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। हम उनके सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों और परिवार के दोस्तों से अनुरोध करना चाहते हैं कि वे लॉकडाउन के नियमों का पालन करें। वह भी यही चाहते।’

श्रद्धांजलि से और ख़बरें
ऋषि कपूर काफ़ी ज़िंदादिल इंसान थे। वह कभी भी किसी भी परिस्थिति में गमगीन होना नहीं जानते थे और उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा सभी के सामने हमेशा रहता था। जैसा कि परिवार के बयान में कहा भी गया है कि ऋषि अंतिम समय तक डॉक्टर्स और उनके स्टाफ़ का मनोरंजन कर रहे थे। ऋषि कपूर ने भले ही हँसते हुए इस दुनिया से विदा लिया हो लेकिन उनके फैंस, दोस्त और परिवार के लोगों की आँखों में आँसू और कई यादें वो छोड़ कर चले गए हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
दीपाली श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

श्रद्धांजलि से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें