loader
फ़ोटो साभार: ट्विटर/काजल अग्रवाल

सरोज ख़ान ने शादी से पहले कबूला था इसलाम, जानिए पहले क्या था उनका नाम

अपने डांस के ज़रिए लोगों के दिलों में राज करने वाली सरोज़ ख़ान ने फ़िल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया है। सरोज ख़ान को बॉलीवुड में मास्टर जी के नाम से बुलाया जाता था और उन्होंने बतौर कोरियोग्राफ़र कई एक्ट्रेसेस को डांस सिखाया। श्रीदेवी से लेकर माधुरी दीक्षित तक को। धक-धक गर्ल और हवा हवाई जैसे मशहूर गाने आज भी लोगों के ज़हन में बसे हुए हैं। सरोज ख़ान ने 3 साल की उम्र से चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने बतौर बैकग्राउंड डांसर के तौर पर नई शुरुआत की। उन्होंने बी. सोहनलाल के साथ कोरियोग्राफ़र की ट्रेनिंग ली थी।

ताज़ा ख़बरें

सभी लोग कोरियोग्राफ़र सरोज ख़ान को उनके इसी नाम से जानते हैं जबकि उनका असली नाम निर्मला नागपाल था और उनके पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह था। भारत-पाकिस्तान के विभाजन के वक़्त सरोज ख़ान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था।

कबूल लिया था इसलाम धर्म

सरोज ख़ान ने अपनी उम्र से 30 साल बड़े मास्टर बी. सोहनलाल से शादी कर ली थी और उस वक़्त सरोज ख़ान की उम्र 13 साल थी। सरोज ने इसलाम धर्म अपनाकर बी. सोहनलाल से शादी की थी। बी.सोहनलाल ने सरोज के साथ दूसरी शादी की थी और कहा जाता है कि शादी के वक़्त उन्होंने सरोज को अपनी पहली शादी के बारे नहीं बताया था।

saroj khan had adopted islam changed her name - Satya Hindi
सरोज ख़ान के साथ माधुरी दीक्षित।

2000 से ज़्यादा गाने किए कोरियोग्राफ़

सरोज ख़ान को यूँ ही लोग मदर ऑफ़ डांस नहीं कहा करते थे। उन्होंने 2000 से अधिक गानों को कोरियोग्राफ़ किया। उन्होंने आख़िरी गाना साल 2019 में आई फ़िल्म कलंक के ‘तबाह हो गए’ गाने में माधुरी दीक्षित को कोरियोग्राफ़ किया था। सरोज ख़ान की मुख्य फ़िल्मों में 'मिस्टर इंडिया', 'नगीना', 'चांदनी', 'तेजाब', 'थानेदार' और 'बेटा' शामिल हैं।

saroj khan had adopted islam changed her name - Satya Hindi
सरोज ख़ान के साथ श्रीदेवी।
श्रद्धांजलि से और खबरें

बेहद निडर थीं वह

सरोज ख़ान ने कई मौक़ों पर अपना ग़ुस्सा भी ज़ाहिर किया है तो कई जगह पर उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात भी रखी थी। फिर चाहे वो कास्टिंग काउच को लेकर हो या शोषण को लेकर हो। सरोज ख़ान ने एक बार कास्टिंग काउच को लेकर कहा था, ‘कास्टिंग काउच कोई नई बात नहीं है। ये बाबा आदम के जमाने से चल रहा है। हर लड़की पर कोई ना कोई हाथ साफ़ करने की कोशिश करता है।’ सरोज के इस बयान के बाद काफ़ी विवाद भी हो गया था। फ़िल्म इंडस्ट्री को लेकर सरोज ख़ान ने कहा था कि, ‘अगर आपके पास कला है तो क्यों अपने आप को बेचोगे। फ़िल्म इंडस्ट्री के बारे में कुछ ना कहना वो हमारी माई बाप है।’

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
दीपाली श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

श्रद्धांजलि से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें