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दुनिया के लिए चेतावनी है पाक की गज़नवी मिसाइल का परीक्षण

पाकिस्तान वैसे तो भारत को चेताने के लिये अक्सर अपने मिसाइल भंडार से मिसाइलें निकाल कर परीक्षण करता रहता है लेकिन पाकिस्तानी सेना ने 29 अगस्त की मध्य रात्रि को जिस गज़नवी मिसाइल का परीक्षण किया है, उसे न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चेतावनी कहा जा सकता है। गज़नवी मिसाइल कम दूरी की ठोस ईंधन से भरी किसी ट्रक से छोड़ी जाने वाली मिसाइल है जिसे लेकर भारत को कोई ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। यह मिसाइल 290 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है और इससे परमाणु बम भी गिराया जा सकता है।
सामरिक हलकों में माना जा रहा है कि गज़नवी मिसाइल का परीक्षण कर पाकिस्तान ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का जवाब दिया है जिसमें सिंह ने कहा था कि भारत परमाणु हमला पहले नहीं करने (नो फ़र्स्ट यूज) की अपनी नीति की समीक्षा कर सकता है। 
परमाणु बमों को लेकर भारत की नीति सेकेंड स्ट्राइक की है जिसमें इस बात की साफ़ व्याख्या की गई है कि भारत किसी देश पर कभी भी पहला परमाणु हमला नहीं करेगा और जब दुश्मन का भारत पर परमाणु हमला होगा तो भारत सेकेंड स्ट्राइक यानी जवाबी हमला करने को स्वतंत्र होगा।
यह जवाबी हमला इतना जबरदस्त होगा कि पूरा पाकिस्तान मटियामेट हो जाएगा। इसके लिये भारत ने अपनी त्रिआयामी परमाणु क्षमता विकसित की है यानी भारत ने जल-थल और नभ तीनों जगह से दुश्मन पर जवाबी परमाणु हमला करने की क्षमता हासिल करने का एलान कर दिया है।गज़नवी की जितनी मारक दूरी है उससे यदि पाकिस्तानी सेना भारत के किसी शहर पर परमाणु बम से लैस मिसाइल गिराती है तो उस परमाणु बम का विकिरण पाकिस्तान के नजदीकी सीमांत शहर तक भी फैलेगा और पाकिस्तान की आबादी भी इससे कम आहत नहीं होगी। वैसे तो पाकिस्तान के पास दो हज़ार किलोमीटर तक मार करने वाली शाहीन बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं लेकिन केवल भारत को डराने के लिये पाकिस्तान इनका परीक्षण कर अपना मिसाइल भंडार खाली नहीं करना चाहेगा।
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वास्तव में गज़नवी मिसाइल का परीक्षण भारत के लिये एक बंदरघुड़की के समान है। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त करने का एलान जब से भारत ने किया है, तब से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और उसे समझ नहीं आ रहा है कि भारत के इस क़दम का किस तरह जवाब दे। 
पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और इसीलिये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुनिया को चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच यदि युद्ध हुआ तो परमाणु बम भी चलेंगे और इसका असर बाक़ी  दुनिया पर भी पड़ेगा। पाकिस्तान के एक और मंत्री शेख़ राशिद ने चेताया है कि अक्टूबर-नवम्बर तक  भारत-पाक के बीच युद्ध छिड़ सकता है।
यदि युद्ध हुआ तो इसमें मिसाइलों का जमकर इस्तेमाल होगा और इनके वार से बचने के लिये दोनों देशों के पास कोई इंतजाम नहीं हैं। भारत के मिसाइल भंडार में गज़नवी के समकक्ष पृथ्वी मिसाइलें हैं जिनका विकास तो भारत ने नब्बे के दशक में ही कर लिया था।

भारत का मिसाइल कार्यक्रम पाकिस्तान से कहीं आगे निकल चुका है लेकिन जब भारत और  पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ेगा तो दोनों के पास कितनी मिसाइलें हैं और ये कितनी मारक दूरी वाली हैं, ये आंकड़े अधिक मायने नहीं रखेंगे। दोनों देश जब एक-दूसरे पर मिसाइलें गिराएँगे तो उन्हें बीच आसमान में रोकने की फिलहाल कोई एंटी मिसाइल भारत और पाकिस्तान दोनों के पास नहीं है।  

पाकिस्तान और चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले से बचने के लिये भारत ने रूस से एस-400 एंटी मिसाइल प्रणाली ख़रीदने का सौदा किया है जिसकी डिलीवरी 2023 तक ही हो सकेगी। दूसरी ओर पाकिस्तान ने एंटी मिसाइल हासिल करने का कोई सौदा किसी देश से अब तक नहीं किया है। इसलिये भारत और पाकिस्तान के बीच जब मिसाइल युद्ध छिड़ेगा तो दोनों देशों के पास इससे बचने का कोई तरीक़ा नहीं होगा और इससे दोनों को भारी नुक़सान होगा। 

पाकिस्तान अगर नई दिल्ली और मुम्बई को निशाना बनाकर गौरी और शाहीन मिसाइलें दागेगा तो उनके वार से बचना मुश्किल होगा। इसी तरह भारत की अग्नि श्रृंखला की मिसाइलें जब पाकिस्तान पर गिराई जाएँगी तो वह भी उसके वार से बच नहीं सकेगा।
Pakistan test fires Ghaznavi missile  - Satya Hindi
भारत की अग्नि मिसाइलें पाँच हजार किलोमीटर तक मार कर सकती हैं और इसका मुख्य उद्देश्य चीन के किसी शहर को लक्ष्य बनाना है लेकिन पाकिस्तान के लिये कम दूरी वाली अग्नि-1 से लेकर अग्नि-3 किस्म की मिसाइलें ही काफ़ी होंगी।
Pakistan test fires Ghaznavi missile  - Satya Hindi
मिसाइलों की यह लड़ाई दोनों देशों के लिये भारी नुक़सानदायक साबित होगी और यदि इनके वारहेड पर परमाणु बम तैनात कर गिराया गया तो इसके नतीजों की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। अपनी मिसाइलों से यदि पाकिस्तान पहले भारत के किसी शहर पर परमाणु बम गिराएगा तो जवाब में भारत भी पाकिस्तान के किसी शहर या उसकी राजधानी इस्लामाबाद को ही निशाना बनाना चाहेगा। इसलिये दोनों देशों को पता है कि मिसाइलों का युद्ध जब शुरू होगा तो दोनों देशों को भारी तबाही का सामना करना होगा।
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हालाँकि भारत ने पाकिस्तान के साथ विवाद को दूर करने के लिये किसी का बीच-बचाव स्वीकार करने से मना कर दिया है लेकिन पाकिस्तान की फिलहाल जो मानसिकता बन चुकी है उसमें दोनों देशों के बीच मिसाइल युद्ध छिड़ने का अंदेशा काफी बढ़ गया है और चूँकि इसका असर भारत और पाकिस्तान के पड़ोसी देशों को भी झेलना होगा इसलिये भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेताना होगा कि पाकिस्तान बेलगाम हो रहा है जिस पर अंकुश लगाने की ज़रूरत है।
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रंजीत कुमार

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