पहले जहाँ भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर में 38 विषयों पर क़ानून बना सकती थी, वहीं अब केंद्र के अधिकार वाले 97 विषयों में से 94 विषयों पर जम्मू-कश्मीर के लिए क़ानून बना सकती है। तो क्या अनुच्छेद 370 की कितनी अहमियत रह गई है?
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में हाल ही में अनुच्छेद 370 को हटाने की फिर से बात की है। इससे सवाल उठता है कि क्या इसे हटाया भी जा सकता है या नहीं? देखिए इस पर क्या है क़ानूनी स्थिति, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और राकेश कुमार सिन्हा की चर्चा में।
जम्मू कश्मीर में जिस जनमत संग्रह पर विवाद होता है अगर वह 1947-48 में हो जाता तो नतीजा भारत में पक्ष में आने की पूरी संभावना थी। क्यों नहीं हुआ जनमत संग्रह और अनुच्छेद 370 कैसे हुआ प्रभावित?
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से छेड़ दिया है। बीजेपी इस मुद्दे को क्यों हवा देती रही है? क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी और इस पर इतना क्यों है विवाद?
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से छेड़ दिया है। तो इस पर इतना क्यों है विवाद? अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने से देश और कश्मीर को क्या होगा फ़ायदा? 'प्रभु की टेढ़ी बात' में देखिए प्रभु चावला की क्या है राय।
महाराजा हरि सिंह के विलय पत्र को स्वीकार करते हुए भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल माउंटबैटन ने ऐसा क्या और क्यों कह दिया जिसके लिए बीजेपी और संघ आज तक तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराते रहते हैं?
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर मुद्दे के लिए जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि संविधान में अनुच्छेद 370 स्थाई नहीं है। अमित शाह की इन बातों में कितनी सचाई है?
धारा 370 और धारा 35-ए को ख़त्म करने की बात अपने चुनाव घोषणापत्र में करके बीजेपी ने बहस को तीखा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे राज्य आज़ाद हो जाएगा।
धारा 370 ख़त्म करने की माँग बीच-बीच में उठती रही है। क्या यह मुमकिन है और यदि मुमकिन है भी तो क्या व्यवहारिक है? चुनाव के ठीक पहले इस बहस के क्या मायने हैं?