भीमा कोरेगांव केस को लेकर आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भी पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर थीं। वह अभी भी जेल में बंद हैं। वह उन 16 आरोपियों में से एक हैं जिन्हें भीमा कोरेगाँव के मामले में आरोपी बनाया गया है।
मशहूर दार्शनिक व भाषाविद नोम चोमस्की, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लोगों और यूरोपीय संसद के सदस्यों ने भीमा कोरेगाँव मामले में जेलों में बंद लोगों को रिहा करने की अपील की है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। रिपोर्ट : भीमा कोरेगाँव के आरोपियों के ख़िलाफ़ सबूत प्लांट किए गए । भीमा कोरेगाँव: NIA ने विल्सन के लैपटॉप से छेड़छाड़ की बात नकारी
भीमा कोरेगांव का विजय स्मारक आज दलित स्वाभिमान और शौर्य का प्रतीक है। प्रतिवर्ष 1 जनवरी को पूरे देश से दलित यहां पहुंचकर पेशवा के ख़िलाफ़ महारों की वीरता और शौर्य का जश्न मनाते हैं।
तलोजा जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नया चश्मा नहीं मिलने के मामले में मुंबई हाई कोर्ट को जेल अधिकारियों को मानवता की याद दिलाना पड़ा है। कोर्ट ने कहा कि सबसे ज़रूरी मानवता है।
भीमा कोरेगाँव से जुड़े एल्गार परिषद केस में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा का चश्मा चोरी हो गया है और पोस्ट से भेजे गए चश्मे को जेल अधिकारी स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में जेल में बंद कवि और कार्यकर्ता वरवर राव को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई। 80 वर्षीय वरवर राव के परिवार ने उनकी तबीयत ज़्यादा ख़राब होने की वजह से तत्काल रिहाई और अस्पताल में इलाज के लिए आग्रह किया था।
क्या राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी सरकार की नीतियों की आलोचना करने वालों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है और उन्हें भीमा कोरेगाँव मामले में जानबूझ कर फँसा रही है?
नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी यानी एनआईए ने आदिवासियों के लिए काम करने वाले 83 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी को भीमा कोरेगाँव मामले में गिरफ़्तार किया है।
पुणे पुलिस ने कबीर कला मंच के तीन लोगों को भीमा कोरेगाँव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफतार कर लिया है। पुलिस ने सागर गोरखे, रमेश गायचोर और ज्योति जगताप को जनवरी 2018 में दायर एक शिकायत के आधार पर अब गिरफ़्तार किया है।
मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर ने जनकवि वरवर राव को तुरन्त जेल से रिहा करने की माँग करते हुए महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी को एक चिट्ठी लिखी है।
भीमा कोरेगाँव में हुई हिंसा के मामले में आरोपी दलित चिंतक, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक प्रो. आनंद तेलतुम्बडे ने अपनी गिरफ़्तारी से पहले एक खुला ख़त लिखा है। पढ़िए वह क्या लिखते हैं।