सुशांत की मौत के मामले में चुनाव से पहले बिहार बीजेपी का कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ ने पोस्टर क्यों जारी किया है जिस पर लिखा है- ना भूले हैं! ना भूलने देंगे!!' इसने 'सुशांत के लिए न्याय' अभियान क्यों छेड़ रखा है?
3 साल तक महागठबंधन का हिस्सा रहे जीतनराम मांझी दोबारा एनडीए में शामिल हो रहे हैं, तो इसके पीछ कोई वैचारिक मतभेद नहीं बल्कि निजी सियासी महत्वाकांक्षा हो सकती है।
आख़िर जिस एलान का इंतजार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेसब्री से कर रहे थे, वह हो ही गया। एलान यह है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी गुरूवार को एनडीए में शामिल होंगे।
बिहार चुनाव में महागठबंधन के सीएम चेहरे पर क्या बोले उपेन्द्र कुशवाहा? बिहार चुनाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख और महागठबंधन से जुड़े उपेंद्र कुशवाहा से ख़ास बातचीत।
बीजेपी और जेडीयू तो चाहते ही थे कि चुनाव तय समय पर हों, इसलिए उन्होंने आयोग की गाइडलाइंस का स्वागत किया है लेकिन उन्हीं की सहयोगी एलजेपी ने फिर से कहा है कि चुनावों को टाला जा सकता था।
क्या सचमुच सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने की होड़ मची है। क्या सचमुच यह बिहार की अस्मिता से जुड़ा सवाल है जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल एक ही राग अलाप रहे हैं। या सारी बेचैनी वोट की राजनीति साधने को लेकर है।
बिहार में नवंबर तक चुनाव नहीं होने पर राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। बाद में चुनाव का कमान राज्यपाल के हाथों में होगा। क्या तब एन डी ए में नीतीश का दबदबा क़ायम रहेगा?