महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही सियासी कुश्ती जारी है। चुनाव नतीजे आये हुए 10 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक राज्य में सरकार गठन की तसवीर साफ़ नहीं हो सकी है।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत का यह बयान आने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है।
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि अगर बीजेपी सरकार बनाने में फ़ेल हो गई तो शिवसेना सरकार बनाने के लिए तैयार है। चर्चा यह भी है कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को कांग्रेस-एनसीपी बाहर से समर्थन दे सकते हैं।
बीजेपी-शिवसेना में सीएम की कुर्सी को लेकर छिड़ी रार थमती नहीं दिख रही है। आदित्य ठाकरे की जगह एकनाथ शिंदे को शिवसेना का विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
2014 में बीजेपी ने शोर-शराबे के बीच बहुमत सिद्ध करने की घोषणा करा ली थी। तो क्या शिवसेना इस बार बीजेपी की ऐसी ही किसी चाल से बचने की रणनीति तैयार कर रही है।
शिवसेना को यह दुख हमेशा सालता रहा है कि जिस बीजेपी ने राज्य में शिवसेना का हाथ थाम कर अपनी ज़मीन मज़बूत की, अब वही शर्तों की राजनीति कर रही है। क्या फिर दोनों के बीच कड़वाहट आएगी?
कांग्रेस में इस्तीफ़े और असमंजस का दौर चल रहा है, जबकि 5 महीने बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। देवेंद्र फडणवीस के 220 सीटों पर जीत के दावे के बाद कहाँ टिकेगी कांग्रेस?
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल को महाराष्ट्र में जिन 14 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होने जा रहे हैं वे बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए अग्नि परीक्षा साबित होने वाले हैं।
2014 के चुनाव में मतदाताओं ने एकतरफ़ा वोट डाले थे, लेकिन इस बार चुनाव में वह मोदी लहर दिखाई नहीं दे रही है। हालाँकि सर्वेक्षण बीजेपी-शिवसेना के पक्ष में आते दिख रहे हैं, परिस्थितियाँ बदली हैं। तो किस करवट बैठेगा ऊँट?