सम्राट मिहिर भोज पर गुर्जर व राजपूत समाज के लोगों के बीच और सुहेल देव को लेकर राजभर और राजपूत समाज के लोगों के बीच विवाद क्यों है? पहले तो ऐसा विवाद नहीं था तो आख़िर अब ऐसा क्या हो गया है?
अतिशी मरलेना को प्रेस के ज़रिए जनता को बताना पड़ा कि मेरा नाम अतिशी मरलेना है, लेकिन इससे भ्रम में न पड़ जाइए कि मैं ईसाई या यहूदी हूँ, मैं पूरी हिंदू हूँ, बल्कि और भी पक्की क्योंकि मैं क्षत्रिय हिंदू हूँ। दुष्प्रचार के झाँसे में न आइए।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का दंभ भरने वाले हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं इस बात का अंदाज़ा चुनाव पूर्व के दो महीनों में लगाया जा सकता है। दलों के बीच लड़ाई जाति-धर्म-कुल-गोत्र और क्षेत्र में उलझकर रह गई है।