भारत में सांप्रदायिक दंगे क्यों होते हैं, इसके लिए कौन ज़िम्मेदार हैं और इसका सबसे ज़्यादा नुक़सान कौन भुगतता है? यदि सांप्रदायिक दंगे न हों तो देश में कैसे हालात होंगे, पढ़िए शहीद भगत सिंह ने क्या लिखा था।
सामाजिक शत्रुता, आर्थिक मंदी और वैश्विक स्वास्थ्य संकट भारत के लिए एक बड़े ख़तरे की घंटी है। सामाजिक अराजकता और आर्थिक बर्बादी हमने ख़ुद अपने आप को दिए हैं जबकि कोरोना वायरस का खौफ़ बाहरी कारणों से है।