कोरोना के जिस डेल्टा वैरिएंट को देश में दूसरी लहर में तबाही लाने के लिए ज़िम्मेदार समझा जाता है उसका अब एक नया म्यूटेंट यानी नया रूप पाया गया है। नये वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल दवा भी निष्प्रभावी साबित हो सकती है।
देश में टीकाकरण नीति पर सुप्रीम कोर्ट तक से आलोचनाओं का सामना कर चुकी मोदी सरकार को अब विशेषज्ञों ने बेहद अहम एक रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया है कि अनियोजित टीकाकरण से कोरोना के म्यूटेंट यानी इसके कोरोना के स्ट्रेन को बढ़ावा मिल सकता है।
कोरोना वायरस का एक और नया स्ट्रेन गंभीर चिंता पैदा करने वाला हो सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी यानी एनआईवी पुणे ने ब्रिटेन और ब्राज़ील से भारत आने वाले यात्रियों के सैंपल में जीनोम सिक्वेंसिंग के ज़रिए एक नये स्ट्रेन का पता लगाया है।
कोरोना का जो नया स्ट्रेन बी.1.617 सबसे पहले भारत में मिला था उसके नाम को लेकर बार-बार उठ रहा विवाद शायद अब ख़त्म हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम तय कर दिया है और 'डेल्टा वैरिएंट' नाम दिया है।
नया वायरस शरीर के भीतर अधिक तेज़ी से फैलता है। इसलिए मौत की दर काफ़ी बढ़ सकती है। पहले के स्ट्रेन की तरह ये हमारे नाक के भीतरी हिस्से में नहीं ठहरता बल्कि सीधे फेफड़े में पहुँच जाता है।
कोरोना संक्रमण कम होकर संक्रमण के हर रोज़ 11 हज़ार मामले आने लगे थे तो अब दक्षिण अफ़्रीका और ब्राज़ील में पाए गए नये क़िस्म के कोरोना के मामले देश में आने से नयी चिंताएँ पैदा हो गई हैं।
ब्रिटेन और यूरोप में कोरोना के एक नए रूप से आतंक मचा हुआ है। क्या ये सचमुच पहले से ज़्यादा घातक है? क्या ये वैक्सीन के असर को कम कर देगा? भारत को क्या ख़तरा है? दो विशेषज्ञयों की राय।
ब्रिटेन सहित कई देशों में नए क़िस्म के कोरोना के ख़ौफ़ के बीच महाराष्ट्र सरकार ने फिर से रात का कर्फ्यू लागू किया है। यह कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक रहेगा।
ब्रिटेन में कोरोना के नए क़िस्म के ख़ौफ़ के बीच भारत सरकार ने सोमवार को अहमतरीन फ़ैसला किया है। सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली सारी फ़्लाइट्स पर रोक लगा दी है।