बिहार में एक व्यक्ति की सिर्फ़ इसलिये पीट-पीटकर हत्या कर दी गई क्योंकि उसने महाराष्ट्र से गांव पहुंचे दो लोगों के बारे में कोरोना वायरस के सहायता केंद्र को सूचना दे दी थी।
लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही महानगरों से गाँवों की ओर लोगों का पलायन लगातार जारी है। पलायन के दृश्यों को देखकर 1947 के भारत के विभाजन का समय याद आता है।
भागलपुर के डॉक्टर्स ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर उन्हें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विमेंट (पीपीई), दस्ताने, सैनिटाइजर, साधारण और एन-95 मास्क उपलब्ध करवाने की मांग की है।
दिल्ली के निज़ामुद्दीन क्षेत्र में क़रीब 200 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखे हैं। ये लोग 18 मार्च को एक धार्मिक कार्यक्रम में शरीक हुए थे और इसमें अलग-अलग राज्यों से क़रीब 500 लोग आये थे। इसी तरह मेरठ में 19 विदेशी नागरिक बिना पुलिस को बताये धार्मिक स्थलों में रुके हुये थे। ध्यान रखें कि न तो भीड़ में जायें और कहीं भीड़ होने पर सीधे पुलिस को सूचित करें। कोरोना के ख़िलाफ़ इस जंग में हम सभी को मिलकर लड़ना है।
मेरठ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 13 हो गई है। यह आंकड़ा अभी काफी बढ़ सकता है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये 25 चिन्हित लोगों की रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
कंप्लीट लॉकडाउन की घोषणा के बाद महानगरों से लौट रहे दिहाड़ी मजदूरों को सरकार और उसके आश्वासनों पर भरोसा नहीं है। इसलिये वे इन महानगरों को छोड़कर जा रहे हैं।