लाॅकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के सागर जिले में जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रम में लोग उमड़ पड़े। इस मामले में 5 नामजद और लगभग 150 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है।
कोरोना संकट के बीच आर्थिक संकट का सामना कर रही कई राज्यों की सरकारों ने धड़ाधड़ श्रम क़ानूनों में बदलाव कर दिया है। आख़िर श्रमिकों के अनुकूल माने जाने वाले इन क़ानूनों को क्यों हटाया जा रहा है?
लॉकडाउन के दौरान लगातार लोगों का रोज़गार छिन रहा है। और अब ये आँकड़ा बढ़कर 67 फ़ीसदी हो गया। अज़ीम प्रेम जी यूनिवर्सिटी के द्वारा सिविल सोसाइटी की 10 संस्थाओं के साथ किए गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। Satya Hindi
कहा जाता है कि समुद्र में जब ज्वार आता है तब ही मछलियाँ पकड़ी जाती हैं यानी संकट ही अवसर का बेहतर वक़्त होता है। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माना कि यह संकट का समय है, लेकिन इसमें जीतना है।
लॉकडाउन के दौरान 67 फ़ीसदी लोगों का रोज़गार छिन गया है। अज़ीम प्रेम जी यूनिवर्सिटी के द्वारा सिविल सोसाइटी की 10 संस्थाओं के साथ किए गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है।
कोरोना वायरस के फिर से तेज़ी से फैलने की आशंकाओं के बीच ही भारत में रेड ज़ोन को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। तो दुनिया के दूसरे देशों में लॉकडाउन को लेकर क्या रणनीति अपनाई जा रही है?