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लॉकडाउन के बीच भी पश्चिम बंगाल में हिंसा, 47 गिरफ़्तार

कोरोना वायरस के संकट के दौरान भी पश्चिम बंगाल लगातार सुलग रहा है। हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा इलाक़े में दो समुदायों के बीच रविवार से शुरू हुई झड़पें मंगलवार को और भड़क गईं। बताया गया है कि इसके पीछे पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने के लिए लोगों का एक कंटेनमेंट ज़ोन से दूसरे ज़ोन में जाना है। 

रविवार शाम को इस बवाल में कई दुकानों में लूटपाट और तोड़फोड़ के बाद उन्हें फूंक दिया गया था। तब पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठीचार्च कर हालात को संभाला था। मंगलवार दोपहर को कुछ लोगों ने इस इलाक़े में बम फोड़े। इसके बाद काले धुएं का गुबार आसमान में देखा गया। रैपिड एक्शन फ़ोर्स के इलाक़े में तैनात होने के बावजूद आगजनी की घटनाएं हुईं। 

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पुलिस के मुताबिक़, तेलिनीपाड़ा और वर्डीपाड़ा इलाक़े में कोरोना वायरस के मामले हैं। जब वर्डीपाड़ा इलाक़े से लोग तेलिनीपाड़ा इलाक़े में पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने के लिए गए तो वहां के लोगों ने इसका विरोध किया और उन्हें कोरोना कहकर तंज कसा। 

पुलिस का कहना है कि मंगलवार को हुई हिंसा योजना बनाकर की गई थी। दोनों समुदायों के लोगों के पास हथियार और बम थे। 

एनडीटीवी के मुताबिक़, पुलिस कमिश्नर हुमायूं कबीर ने कहा कि अब तक इस मामले में 47 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और अब हालात नियंत्रण में हैं। 

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राज्यपाल से की शिकायत

स्थानीय बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने इस घटना की शिकायत राज्यपाल से की है। चटर्जी ने सोमवार को तेलिनीपाड़ा इलाक़े में जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें रोक दिया गया था। चटर्जी ने सवाल उठाया है कि पुलिस की मौजूदगी में वहां दंगे कैसे हो सकते हैं। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि लॉकडाउन तोड़ने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी जो इस तरह के ट्वीट कर रहे हैं कि हिंदुओं ने यह किया, मुसलमानों ने यह किया। 

तेलिनीपाड़ा इलाक़े में पहले भी सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं होती रही हैं। इस इलाक़े में 70 फ़ीसदी मुसलिम और 30 फ़ीसदी हिंदू रहते हैं। पिछले हफ़्ते मालदा जिले के चांदीपुर में भी सांप्रदायिक तनाव के हालात बन गए थे। 

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क़मर वहीद नक़वी

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