एक ख़बर सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा दी गई यह जानकारी है कि देश को अब कोरोना के वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा। इस ख़बर को बहस में आने ही क्यों नहीं दिया गया?
कोरोना काल के शुरुआती दौर में जो आरोप जमातियों ने लगाए थे, वही आरोप अब भाजपाई यानी सत्तापक्ष के लोग लगा रहे हैं। मेरठ के एक निजी मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड की गड़बड़ियों पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
देश भर में 24 घंटे में 3277 नये कोरोना पॉजिटिव मामले आए। 24 घंटे में 127 लोगों की मौत हुई, कुल 2109 की मौतें हुई हैं। देश भर में पॉजिटिव मामले बढ़कर अब 62 हज़ार 939 हो गए हैं।
गुजरात में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य के विकास मॉडल का भी सच सामने आ गया है। मजदूरों से किराए के पैसे वसूले जाने को लेकर सरकार की ख़ासी किरकिरी हो चुकी है।
भारत सरकार को सलाह देने वाली एक संस्था ने पूरे देश में लॉक डाउन की जगह बहुत ज़्यादा संक्रमण की आशंका वाली छोटी जगहों के लॉक डाउन की सलाह क्यों दी है। शैलेश की रिपोर्ट।
कोरोना वायरस और इसके बाद लॉकडाउन ने अजीब स्थिति पैदा कर दी है। क्वॉरंटीन करना, अलग रखना क्यों शक की निगाह में घुल-मिल गया है, यह वह कमलनयनी पूछती है। उसे क्या बताएँ कि इंसानी नियम-क़ायदे कितने मारक हैं!
मुंबई में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ने और इसके ख़तरनाक स्तर तक पहुँचने के बीच शुक्रवार को बृहन्मुंबई नगर निगम के प्रमुख प्रवीण परदेशी को हटा दिया गया। इसके साथ ही नये प्रमुख के रूप में इक़बाल चहल को नियुक्त कर दिया गया है।
देश में कोरोना वायरस का सबसे पहला पॉजिटिव मामला केरल में 30 जनवरी को आया था और अब वहाँ 7 मई को एक भी नया मामला नहीं आया है। तो यह चमत्कार कैसे हुआ? केरल ने कौन सा मॉडल अपनाया?