जिन सवालों के जवाब माँगे जाने चाहिए उन्हें कोई पूछने की हिम्मत भी नहीं कर रहा है, विपक्ष भी नहीं। और जो कुछ कभी पूछा ही नहीं गया उसके जवाब हर तरफ़ से प्राप्त हो रहे हैं।
तब्लीग़ी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने कहा है कि वह अभी सेल्फ़ क्वरेंटाइन में हैं और जब 14 दिन पूरे हो जाएँगे तो वह दिल्ली पुलिस के नोटिस का जवाब देंगे। ऐसा एक बयान जारी कर कहा गया है।
यह माना हुआ तथ्य है कि प्राकृतिक आपदा, महामारी, युद्ध जैसे संकट के समय में महिलाएँ सबसे ज़्यादा भुक्तभोगी होती हैं और यही कोरोना संकट के समय भी हो रहा है।
कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलते संक्रमण के बीच कई जगह से डॉक्टर्स-नर्स से बदसलूकी करने और पुलिसकर्मियों पर हमला किये जाने की ख़बरें आ रही हैं। वैश्विक महामारी के ख़िलाफ़ इस जंग को लड़ रहा भारत डॉक्टर्स-नर्स और पुलिसकर्मियों के बिना जीत की उम्मीद नहीं कर सकता। ऐसे में इनसे बदसलूकी करना या इन पर हमला करना बेहद शर्मनाक और घटिया हरक़त है।
प्रधानमंत्री ने दिये जलाने का आह्वान तो कर दिया लेकिन उन्होंने डॉक्टर्स-नर्स को ज़रूरी चीजों के मुद्दे पर, लॉकडाउन से ग़रीबों को हुई परेशानी के बारे में बात क्यों नहीं की।