कोरोना वायरस हर किसी पर हमला कर रहा है, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई, गैरा हो या काला या कि सी भी मुल्क का। मगर सांप्रदायिकता और नस्लवाद का ये वायरस किसी ख़ास धर्म या समुदाय को निशाना बनाकर फैलाया जा रहा है। निज़ामुद्दीन की घटना को अब इसके लिए बहाना बनाया जा रहा है। इसके पीछे राजनीतिक ताक़तें तो हैं ही, मीडिया की भी भूमिका है। ये बहुत ख़तरनाक़ वायरस है और कोरोना के जाने के बाद भी तबाही मचाता रहेगा, इसलिए सावधान।