केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि दिल्ली में टेस्टिंग बहुत कम हो रही है। लेकिन बाक़ी राज्यों में तो टेस्टिंग की और भी ख़राब स्थिति है।
एक वीडियो में तब्लीग़ी जमात के सदस्यों के ख़िलाफ़ 'नफ़रत' की बात कहती दिखने वाली कानपुर के मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी को हटा दिया गया है।
आज विश्व पर्यावरण दिवस है और इस बार का विषय 'प्रकृति के लिए समय' है। ऐसे में कोरोना और लॉकडाउन के संकेत हमें समझने होंगे। कोरोना के संकेत: पृथ्वी बचा सकते हो तो बचा लो, नहीं तो...
सरकारी अस्पतालों के डाक्टर और नर्स में भी कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। डाक्टरों की कमी होने लगी है। सरकारी अस्पताल कब तक सम्भाल पाएँगे कोरोना। शैलेश की रिपोर्ट।
क्या लॉकडाउन ग़लत तरह से लागू हुआ? कोरोना मरा नहीं, अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी। आशुतोष के साथ चर्चा में गोपाल अग्रवाल, अभय दुबे, घनश्याम तिवारी और आलोक जोशी।
जैसी कि पहले से आशंका थी कोरोना वायरस और लॉकडाउन से लोगों की मानसिक स्वास्थ्य की दिक्कतें बढ़ेंगी, अब इसके आँकड़े भी आने लगे हैं। एक हेल्पलाइन पर दो महीने में 45 हज़ार लोगों ने संपर्क किया है।
हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ़ इलाज का खर्चा देगा। इससे इलाज नहीं होता। और जब तक हम अस्पताल और इलाज पर ज़ोर नहीं देंगे। ऐसी बीमारियों के सामने घुटने टेकने ही पड़ेंगे।
दिल्ली की एक महिला ने आरोप लगाया है कि वह कोरोना संक्रमित अपने पिता को भर्ती कराने के लिए एलएनजेपी अस्पताल के बाहर इंतज़ार करती रही लेकिन घंटों तक उनकी कोई सहायता नहीं की गई। आख़िर में उनकी मौत हो गई।
प्रवासी मज़दूरों से उत्तर प्रदेश में जिस तेज़ी से संक्रमण के फैलने की आशंका जताई जा रही थी, अब उस तरह से यह फैलता नहीं दिख रहा है। एक सैंपल सर्वे में उत्तर प्रदेश में लौटने वाले प्रवासियों में क़रीब 3 फ़ीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
24 मार्च के आसपास रोज़ 50-60 नए मरीज़ों का पता चल रहा था तो लॉकडाउन किया गया था और अब जब 8 हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ रोज़ मिल रहे हैं तो लॉकडाउन क्यों खोला जा रहा है?