दिल्ली में फिर से एक हफ़्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। लेकिन इसके साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि संक्रमण के मामले कम होते रहे तो 31 मई से लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
योग गुरु रामदेव फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने कथित तौर पर एलोपैथी को स्टूपिड और दिवालिया साइंस कहा है। सोशल मीडिया पर उनका बयान वायरल हुआ तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने कार्रवाई की मांग की है।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले घटकर अब ढाई लाख से भी नीचे आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रविवार को जारी शनिवार के 24 घंटे आँकड़ों के अनुसार 2 लाख 40 हज़ार 842 नये मामले आए और 3741 लोगों की मौत हुई।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिस आदेश में यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था 'राम भरोसे' टिप्पणी की थी उस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि चार महीने में यूपी के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएँ सुधरनी चाहिए।
अब घर पर ख़ुद से ही जाँच सकते हैं कि आपको कोरोना है या नहीं। भारत में पहली बार कोरोना की घर पर ही जाँच करने वाली टेस्ट किट कोविसेल्फ तैयार की गई है। इसको इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार ने राज्यों से क्यों कहा है कि ब्लैक फंगस के मामलों को महामारी क़ानून के तहत अधिसूचित करें? देश भर में 5500 से ज़्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं और 126 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
नोटबंदी में पंक्तिबद्ध लोगों की मौतें से लेकर पिछले साल कोरोना के समय अविवेकपूर्ण लॉकडाउन में सैकड़ों मज़दूरों की मौत, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन, दवाइयों आदि के अभाव में हजारों लोगों की जान चली गई।
कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने चिंता बढ़ा दी है। यह चिंता इतनी बढ़ी कि राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने रविवार को इस बीमारी को लेकर सलाह जारी की है। आख़िर यह ब्लैक फंगस क्या है और यह कितना ख़तरनाक है?
भाजपा सरकार ने महामारी से जुड़े शासन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों जैसे: ऑक्सीजन उत्पादन, उत्पादन का नियंत्रण और कोविड-19 के इलाज से जुड़ी दवाओं जैसे रेमडेसिविर का वितरण आदि का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। लेकिन तैयारी कैसी हुई?
देश में मंगलवार को 24 घंटे में रिकॉर्ड 4529 मौतें हुईं। कोरोना पॉजिटिव केस जब लगातार कम हो रहे हैं तो मौत के मामले क्यों बढ़ते जा रहे हैं? क्या कोरोना संक्रमित में मृत्यु दर बढ़ गई है?