कोरोना संक्रमण के जहाँ हर रोज़ 4 लाख केस आने लगे थे वे अब क़रीब ढाई लाख ही आ रहे हैं। संक्रमण के मामले कम हुए तो क्या दूसरी लहर उतार पर है? क्या यह अपने शिखर पर पहुँच चुका है?
दिल्ली सरकार ने कोरोना की मार झेलने वाले दिल्लीवासियों के लिए बड़े राहत पैकेज की घोषणा की है। कोरोना की वजह से मौत होने के मामले में बेसहारा हुए बच्चों को दिल्ली सरकार हर महीने 2500 रुपये देगी और उनकी पढ़ाई का ख़र्च वहन करेगी।
गाँवों में एकाएक मौत के मामले बढ़ गए हैं। गंगा में सैकड़ों लाशें तैरती मिल रही हैं। हज़ारों लाशों को गंगा किनारे रेत में दफ़न करने की ख़बरें हैं। हर गाँवों में लोग बीमार हैं। तो क्या कोरोना ने शहरों को तबाह करने के बाद अब गाँवों में कहर ढा रहा है?
कोरोना से संक्रमित मरीज़ों को ठीक होने के बाद अब तक दो हफ़्ते में वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन सरकार के विशेषज्ञों के पैनल ने इसे अब 3-9 महीने में लगाए जाने की सिफ़ारिश की है।
बीते 24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण से रिकॉर्ड मौतें हुई हैं। यह आंकड़ा 4,329 रहा जबकि संक्रमण के मामलों में कुछ कमी आई और 2,63,533 मामले सामने आए।
उत्तर प्रदेश में अप्रैल-मई में 46 दिन के भीतर 8,735 लोगों की जानें गई हैं। इनमें 1621 शिक्षक हैं। इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ महीने में कोरोना से मरने वाला हर पाँचवाँ-छठा व्यक्ति कोई न कोई शिक्षक है। ऐसा क्यों?
दिल्ली में सोमवार को एक दिन में कोरोना संक्रमण के 5 हज़ार से भी कम मामले सामने आए हैं। दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे में 4524 पॉजिटिव केस आए। 5 अप्रैल के बाद यह सबसे कम केस है।
कोरोना वैक्सीन नीति पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना वाले पोस्टर का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। इन पोस्टरों को चिपकाने वालों के ख़िलाफ़ दर्ज की गई दिल्ली पुलिस की एफ़आईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है।
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू होने के बाद से अब तक केंद्रीय कैबिनेट की पांच बैठक हो चुकी हैं लेकिन इनमें इस महामारी को लेकर एक भी फ़ैसला नहीं लिया गया।
राजधानी दिल्ली में एक और हफ़्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। इसके तहत अब पाबंदियाँ 24 मई तक जारी रहेंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की।
चारों तरफ़ निराशा के इस माहौल में जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका के काम की तारीफ़ करते हुए ‘मुंबई मॉडल’ की बात की तो यह सवाल उठने लगा कि क्या सही प्रबंधन से कोरोना को नियंत्रित किया जा सकता है या हराया जा सकता है?
देश भर में कोरोना टीके की कमी के बीच जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में शनिवार को एक भी वैक्सीन नहीं लग पाई। घाटी के 1.4 करोड़ की आबादी वाले 10 ज़िलों में भी सिर्फ़ 504 लोगों को शनिवार को टीके लगाए जा सके।
क्या कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने शिखर पर पहुँच चुकी है और यह अब लगातार ढलान पर है? पिछले एक हफ़्ते के आँकड़े तो कम से कम यही इशारा करते हैं। देश में शनिवार को कोरोना संक्रमण के मामले घटकर 3 लाख 11 हज़ार 170 पहुँच गए हैं।