महाराष्ट्र में कुछ हफ़्ते पहले तक 60 हज़ार से ज़्यादा केस आ रहे थे, लेकिन अब इस मामले में एक राहत की ख़बर है। शनिवार को 24 घंटे में राज्य में 34 हज़ार 898 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए। हालाँकि, मौत के अधिक मामले चिंता का कारण बने हुए हैं।
यूपी में पंचायत चुनाव बीत चुके हैं। चुनाव का हलाहल गंगा में तैरती लाशों के रूप में प्रकट हो रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसे परिवारों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने का सरकार को निर्देश दिया है। क्या योगी इससे परेशान दिख रहे हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि भारत में कोरोना की स्थिति बेहद चिंताजनक है और कई राज्यों में संक्रमण, अस्पतालों की स्थिति और हो रही मौतों के मामले लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी में 27 ज़िलों में 1140 किलोमीटर गंगा किनारे 2 हज़ार से ज़्यादा शव मिले हैं। ये शव गंगा किनारे कहीं पानी में तैरते मिले तो कहीं रेतों में दफनाए हुए।
रूस से आयातित कोरोना की स्पुतनिक वैक्सीन की एक खुराक 995.40 रुपये में मिलेगी। इसके साथ ही शुक्रवार को स्पुतनिक वी की पहली वैक्सीन भारत के हैदराबाद में लगाई गई।
कोरोना संक्रमण के मामलों का आंकड़ा एक बार फिर साढ़े तीन लाख के आसपास रहा और बीते 24 घंटों में संक्रमण के 3,43,144 मामले दर्ज किए गए और 4,000 लोगों की मौत हुई है।
देश में कोरोना वैक्सीन की भारी कमी की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इस साल के आख़िर तक यानी दिसंबर महीने तक भारत में 200 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी।
अनुपम खेर ने मोदी की वापसी को लेकर पिछले दिनों क्या कह दिया था, हाल में जो कुछ कहा है उसका ‘सारांश’ यह है कि : “कोरोना संकट में सरकार ‘फ़िसल’ गई है और उसे ज़िम्मेदार ठहराना महत्वपूर्ण है...'
कोविशील्ड वैक्सीन की जो खुराकें शुरुआत में 4 हफ़्ते के अंतराल में लगाई जा रही थीं उसको 12-16 हफ़्ते बढ़ाने की सरकारी पैनल ने सिफ़ारिश की है। कोविशील्ड की खुराक लेने के अंतराल में बढ़ोतरी से सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
गाँवों-क़स्बों में अस्पताल तो है नहीं, दूर-दराज के छोटे शहरों में कुछ छोटे अस्पताल हैं भी तो यह पता नहीं होता कि किस अस्पताल में क्या सुविधा है, कितने बेड खाली हैं?
किसे बचाएँ और किसे मरने के लिए छोड़ दें? कोरोना संकट ने अस्पतालों में डॉक्टरों के सामने ये हालात पैदा कर दिए हैं। ये हालात कई जगहों पर हैं। मरीज़ों के लिए आईसीयू बेड, वेंटिलेटर कम पड़ने पर ऐसी स्थिति आन पड़ती है।