दिल्ली और मुंबई के बाद अब चेन्नई में भी कोरोना वायरस मरीज़ों की मौत के आँकड़ों में गफलत होने की रिपोर्ट आई है। एक कमेटी ने कहा है कि राज्य की मृतकों की सूची में दर्ज नहीं की गई 236 मौतों को कोरोना संदिग्ध माना जाना चाहिए।
अकेले महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला 2 लाख के पार पहुँच गया है। यह पहला और देश का एकमात्र राज्य है जहाँ संक्रमित हुए लोगों की संख्या दो लाख को पार की है।
केंद्र सरकार के तहत काम करने वाले आईसीएमआर वैज्ञानिकों पर दबाव डाल रहा है कि आगामी 15 अगस्त तक कोरोना महामारी यानी कोविड 19 टीका बन जाना चाहिए। क्या वह ऐसा राजनीतिक दबाव में कर रहा है और इसके क्या नतीजे निकल सकते हैं बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार
लगता है कि मोदी सरकार की कोरोना पर कोई साफ़ योजना नहीं है और वह सिर्फ़ भाषणों से ही काम चलाना चाहते हैं। क्योंकि महामारी बेलगाम है और निपटने की सरकारी तैयारी लापता है।
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या छह लाख के पार पहुँच गई है। आज सुबह ही यह संख्या 5 लाख 85 हज़ार के पार थी लेकिन दिन में संक्रमण के मामले आने के बाद यह संख्या 6,00,032 हो गई।
कोरोना संक्रमण पर भले ही लगातार दावे किए जा रहे हों कि रिकवरी रेट यानी मरीज़ों के ठीक होने की दर बढ़ गई है और डबलिंग रेट में सुधार है, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने की रफ़्तार उन सब दावों पर पानी फेर देता है।
कई कोरोना मरीज़ ऐसी मनोस्थिति में चले जा रहे हैं जो काफ़ी डरावनी है। कई मरीज़ों को लगा कि उनकी हत्या की जा रही है। किसी को लगा कि उन्हें ज़िंदा जलाया जा रहा है। यह बिल्कुल डरावने सपने जैसा है।