कोरोना वायरस दुनिया भर में फिर से तेज़ी से फैल रहा है। ब्रिटेन में चौथी लहर आ गई है। रूस में तीसरी लहर है और वहाँ शनिवार को 752 मौतें हुईं जो देश में अब तक सबसे ज़्यादा है। इंडोनेशिया में दूसरी लहर तबाही लेकर आई है। भारत सबक़ लेगा?
कोरोना संक्रमण पर हर रोज दिल्ली में होने वाली मीडिया ब्रीफिंग में कुछ राज्यों में बढ़ते संक्रमण का ज़िक्र विशेष रूप से किया जाता है जबकि कई राज्यों और बहुत सारे तथ्यों से आँखें मूंद ली जाती हैं।
केंद्र ने आठ राज्यों को पत्र लिखकर कोरोना को नियंत्रित करने को कहा है। उस पत्र में उन राज्यों के कई ज़िलों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट ज़्यादा होने पर तुरत क़दम उठाने को कहा गया है।
जर्मनी ने भारत सहित पाँच देशों के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा में सहूलियतें देने की घोषणा की है। जर्मनी की स्वास्थ्य एजेंसी ने सोमवार देर शाम को कहा कि वह डेल्टा वैरिएंट से प्रभावित भारत, इंग्लैंड सहित पाँच देशों के यात्रियों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाएगा।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच देश के छह राज्यों में कोरोना के केस बढ़ने पर केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की टीमें भेजी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उन टीमों में अलग-अलग मामलों से जुड़े अलग-अलग विशेषज्ञ शामिल हैं।
कोरोना वायरस से मारे गए लोगों को मुआवजा देने से इनकार कर चुकी केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। इसने मुआवजा देने के नियम और राशि छह हफ़्ते में तय करे। क्या इससे कोविड मौत का सच सामने आने का डर है?
कोरोना वायरस की मारक दूसरी लहर झेलने के बाद आज भारत के लोग तीसरी लहर की उल्टी गिनती कर रहे हैं। ये तीसरी लहर कब और कितनी बड़ी आएगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम वायरस-वैक्सीन-व्यवस्था के त्रिकोण को कितने अच्छे से समझ पाते हैं।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक समेत देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की घटनाएँ अप्रैल-मई में हुईं और पूरी दुनिया इस पर चिंतित हुई। ऑक्सीजन ऑडिट सब कमेटी की लीक हुई कथित अंतरिम रिपोर्ट पप विवाद क्यों?
कोविड-19 महामारी के बाद की कमज़ोरी दूर होने का नाम ही नहीं ले रही। शरीर पर असर हो, हमारे काम धंधों पर असर हो या देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर। सबसे बड़ा संकट तो रोज़गार के बाज़ार में दिख रहा है।
डेल्टा वैरिएंट के कारण ऑस्ट्रेलिया में अब ख़तरे की घंटी बजती लग रही है! इसके मामले बढ़ने के कारण क़रीब 70 फ़ीसदी ऑस्ट्रेलियाई लोग किसी न किसी तरह के कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के प्रकोप ने मानव जीवन और स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है। लोग मर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। मनोचिकित्सकों के क्लीनिक और परामर्श केंद्रों में मरीज लगातार आते ही जा रहे हैं।
क्या कोरोना वैक्सीन लेने से आप भी झिझक रहे हैं? क्या आपके मन में यह सवाल है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो सकता है तो वैक्सीन लेकर भी क्या फायदा? क्या बुखार और कमजोरी का डर है? दूर करें अपने सारे सवालों को।
केंद्र सरकार ने कहा है कि अब गर्भवती महिलाएँ भी कोरोना वैक्सीन लगवा सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन लगाने से जुड़ी गाइडलाइंस जारी कर दी है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले अब तक कम से कम 10 राज्यों में मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन राज्यों में इस नये वैरिएंट के 50 मामले दर्ज किए गए हैं। तीन दिन पहले तक इसके मामले सिर्फ़ 22 थे और ये तीन राज्यों में ही मिले थे।