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कई देश फिर कोरोना की चपेट में; दूसरी लहर से सबक़ लेगा भारत?

कोरोना वायरस दुनिया भर में फिर से तेज़ी से फैल रहा है। ब्रिटेन में चौथी लहर आ गई है। रूस में तीसरी लहर है और वहाँ शनिवार को 752 मौतें हुईं जो देश में अब तक सबसे ज़्यादा है। इंडोनेशिया में दूसरी लहर तबाही लेकर आई है। मेक्सिको में तीसरी लहर आ गई है और वहाँ संक्रमण के मामलों में दो दिन पहले ही 29 फ़ीसदी की उछाल आई है। दक्षिण अफ़्रीका में तीसरी लहर आई है। फ्रांस में लगता है चौथी लहर आ रही है। दूसरे कई देशों में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। हालाँकि भारत में संक्रमण के मामले अभी स्थिर लग रहे हैं, लेकिन जल्द ही तीसरी लहर की आशंका है। यानी सावधानी हटी तो तीसरी लहर का ख़तरा सामने होगा। 

डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ने के बाद दुनिया भर के कई देशों में संक्रमण तेज़ी से फैला है। कई देशों में संक्रमण की पहली लहर के बाद दूसरी, तीसरी और अब चौथी लहर तक आ गई है। दुनिया भर में जून महीने में ही हर रोज़ एक समय संक्रमण के मामले 3 लाख से भी कम आने लगे थे, लेकिन जुलाई में यह संख्या क़रीब 5 लाख पहुँच गई है। इससे पहले अप्रैल और मई की शुरुआत में भारत में जब संक्रमण के मामले क़रीब 4 लाख आ रहे थे तब पूरी दुनिया में हर रोज़ संक्रमण के मामले 8-9 लाख आ रहे थे। 

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इंडोनेशिया 

अब फिर से कोरोना संक्रमण से दुनिया के कई देश कराह रहे हैं। इसमें इंडोनेशिया की हालत बेहद ख़राब है। रिपोर्टें तो ऐसी आ रही हैं कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जैसे हालात थे क़रीब-क़रीब वैसे हालात अब इंडोनेशिया में भी बन रहे हैं। पिछली लहर में जहाँ हर रोज़ 12-13 हज़ार संक्रमण के मामले आ रहे थे वहीं इस लहर में हर रोज़ 38 हज़ार तक संक्रमण के मामले पहुँच गए हैं। एक दिन पहले ही 34 हज़ार नये संक्रमण के मामले आए हैं। पिछले हफ़्ते ही एक दिन में रिकॉर्ड एक हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई थीं। 

रिपोर्ट आई थी कि अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से कई मरीज़ मारे गए थे। अस्पतालों में व्यवस्था कम पड़ने लगी है। स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात को देखकर रेड क्रॉस सोसाइटी ने आगाह किया है।

ब्रिटेन

बड़े पैमाने पर कोरोना टीकाकरण अभियान चलाने के बाद भी ब्रिटेन में चौथी लहर आ गई है। मई महीने में जहाँ हर रोज डेढ़-दो हज़ार संक्रमण के मामले आ रहे थे वहीं अब संक्रमण के मामले 30 हज़ार से ज़्यादा आ रहे हैं। ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट के मामले काफ़ी ज़्यादा हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि वहाँ हर रोज़ आने वाले संक्रमण के मामलों में से 90 फ़ीसदी से ज़्यादा डेल्टा वैरिएंट के मामले आ रहे हैं। 

रूस में भी संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़े हैं। मई महीने में जहाँ हर रोज़ संक्रमण के मामले 8 हज़ार से कम आ रहे थे वहीं अब हर रोज़ 25 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आने लगे हैं।

तीसरी लहर का सामना कर रहे इस देश में रिकॉर्ड संख्या में हर रोज़ क़रीब साढ़े सात सौ मौतें हो रही हैं। इससे पिछली दूसरी लहर में वहाँ हर रोज़ 500-600 मौतें हो रही थीं। 

दक्षिण अफ़्रीका 

दक्षिण अफ़्रीका के भी हालात उसी तरह के हैं। देश में जबरदस्त तीसरी लहर आई है और वहाँ हर रोज़ क़रीब 20 हज़ार संक्रमण के मामले आ रहे हैं। 3 जुलाई को तो वहाँ 26 हज़ार से ज़्यादा केस आए थे। देश में मार्च-अप्रैल महीने में तो एक हज़ार से भी कम केस आ रहे थे। 

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दुनिया भर में 9 ऐसे देश हैं जहाँ संक्रमण के मामले हर रोज़ 10 हज़ार से ज़्यादा आ रहे हैं। एक दिन पहले यानी रविवार को सबसे ज़्यादा भारत में 37 हज़ार, इंडोनेशिया में 36 हज़ार, ब्रिटेन में 31 हज़ार संक्रमण के मामले आए। ब्राज़ील में रविवार को 20 हज़ार मामले आए थे जबकि उससे एक दिन पहले वहाँ 48 हज़ार मामले रिकॉर्ड किए गए थे। 

अमेरिका

कोलंबिया में भी संक्रमण के मामले रिकॉर्ड स्तर पर हर रोज़ क़रीब 30 हज़ार संक्रमण के मामले आने लगे। एक दिन पहले ही 19 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं। इससे पहले वाली लहर में सबसे ज़्यादा मामले जनवरी के मध्य में एक दिन में 21 हज़ार आए थे। 

अमेरिका में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। वहाँ जून महीने में तो हर रोज़ 10 हज़ार से भी कम मामले आने लगे थे, लेकिन अब हर रोज़ 27 हज़ार से ज़्यादा तक मामले आ रहे हैं। अमेरिका में भी डेल्टा वैरिएंट के मामले आने के बाद नए सिरे से चिंता बढ़ गई है। 

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यह वही डेल्टा वैरिएंट है जिसको भारत में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही लाने के लिए ज़िम्मेदार माना गया। भारत में जब दूसरी लहर अपने शिखर पर थी तो हर रोज़ 4 लाख से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले रिकॉर्ड किए जा रहे थे। देश में 6 मई को सबसे ज़्यादा 4 लाख 14 हज़ार केस आए थे। यह वह समय था जब देश में अस्तपाल बेड, दवाइयाँ और ऑक्सीजन जैसी सुविधाएँ भी कम पड़ गई थीं। ऑक्सीजन समय पर नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुईं। अस्पतालों में तो लाइनें लगी ही थीं, श्मशानों में भी ऐसे ही हालात थे। इस बीच गंगा नदी में तैरते सैकड़ों शव मिलने की ख़बरें आईं और रेत में दफनाए गए शवों की तसवीरें भी आईं।

दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के बढ़ने और भारत में तीसरी लहर के आने की आशंका संकेत दे रही है कि थोड़ी सी लापरवाही भी देश को भारी पड़ सकती है। क्या मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोरोना नियमों का पालन किया जा सकेगा, काफ़ी कुछ इस पर भी निर्भर करेगा। 

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क़मर वहीद नक़वी

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