क्या केजरीवाल दोबारा मुख्यमंत्री बन पाएँगे या फिर चुनाव हार जाएँगे? कांग्रेस का खाता भी खुल पाएगा या नहीं? इससे भी बड़ा सवाल है कि अमित शाह की बीजेपी का क्या होगा? अमित शाह ने दिल्ली जैसे राज्य में जिस तरह से पूरी ताक़त झोंक दी है और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है, उसका नतीजा क्या होगा? देखिए आशुतोष की बात में वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री और दिलबर गोठी की चर्चा।
दिल्ली में हर तीसरे महीने सफ़ाई कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं। पूरी दिल्ली में कूड़े के ढेर लग जाते हैं। मामला हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट पहुँचता है तब जाकर कूड़े के ढेर हटते हैं। एमसीडी और केजरीवाल सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप मीडिया की ख़बर बनते हैं। इतने गंभीर मुद्दे पर इस चुनाव में कोई बात न हो सकी। 'दिल्ली किसकी' में देखिए शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला था। लेकिन सवाल है कि सरकार ने काफ़ी लंबा वक़्त क्यों लिया? और जिस समय यह घोषणा की गई है क्या इसके राजनीतिक अर्थ नहीं निकालता है? वह भी वैसे समय में जब दिल्ली में चुनाव है और बीजेपी लगातार ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही हो। अभी क्यों की गई घोषणा? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
दिल्ली का विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिये ‘करो या मरो’ का सवाल बन चुका है। पार्टी ने चुनाव जीतने के लिये वे सारे प्रयत्न किये हैं जिनसे दिल्ली के मतदाता आज तक अनजान ही थे।
8 फ़रवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मुसलिम वोटर कैसे बदल सकते हैं चुनावी नतीजे? अरविंद केजरीवाल अकेले ही कमान संभाले हुए हैं और बीजेपी की पूरी फौज।
मित शाह को लगता है कि बीजेपी दिल्ली की 70 में से 45 सीटें जीतने जा रही है। उन्हें लगता है कि सांगठनिक कमज़ोरी के चलते और पिछली बार की तरह देश व्यापी कार्यकर्ताओं के इस बार दिल्ली न पहुँचने के चलते आप बीजेपी की सामर्थ्य का मुक़ाबला नहीं कर पाएगी। देखिए 'दिल्ली किसकी' में शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
अरविंद केजरीवाल हनुमान भक्त क्यों बन गए? वह हनुमान चालीसा क्यों पढ़ रहे हैं या इस पर ज़ोर दे रहे हैं? क्या वह देश की साम्प्रदायिक राजनीति में कूद कर साम्प्रदायिक हो रहे हैं या फिर वह बीजेपी के हिंदुत्व की काट में अपने आप को हिंदू नेता के तौर पर पेश कर रहे हैं? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली चुनाव की एक रैली में फिर से विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि एक दिन ओवैसी भी हनुमान चालीसा पाठ पढ़ता दिखेगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने पिछले वादे पूरे किये हैं और वह आगे भी अपने वादों को पूरा करेगी।
अपूर्ण राज्य दिल्ली में बीजेपी ने इतनी ताक़त झोंक दी है जितनी उसने कई पूर्ण राज्यों में भी नहीं झोंकी थी। हार के डर से रजाई में घुस गए समर्थक और कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर सड़क पर दौड़ा दिया गया है। बीजेपी के सारे सांसद-मंत्री, मुख्यमंत्री दिल्ली की गलियाँ छान रहे हैं। देखिए 'दिल्ली किसकी' एपिसोड-7 में शीतल पी सिंह का विश्लेषण।