बीजेपी ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह को बिहार गौरव बताते हुए राज्यसभा के प्रकरण को चुनाव में भुनाना शुरू कर दिया है। ये बहुत दुखद है मगर इससे भी बड़ी चिंता ये है कि सरकार सियासत के लिए संसद को कमज़ोर कर रही है, उसकी बलि चढ़ा रही है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi
राज्यसभा से 8 सांसदों के निलंबन का मुद्दा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को विपक्ष ने एलान किया कि जब तक उसकी तीन मांगें नहीं मानी जातीं, वह राज्यसभा का बहिष्कार जारी रखेगा।
विपक्षी दल कृषि विधेयक के ख़िलाफ़ लड़ाई संसद में लड़ रहे हैं, लेकिन अब सड़कों पर लड़ने की तैयारी है। किसान संगठन देश भर में एक साथ विरोध में उतरेंगे। ट्रेड यूनियन भी साथ आएँगी। यह देशव्यापी प्रदर्शन गुरुवार से होगा।
18 विपक्षी दलों ने सोमवार की शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक चिट्ठी लिख कर उनसे गुजारिश की कि वह इन विधेयकों पर दस्तख़त न करें। कोविंद की राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए यह अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि वह इस मांग को ठुकरा देंगे।
पूर्व कृषि मंत्री सोमपाल शास्री, पंजाब के किसान नेता डॉक्टर दर्शनपाल, समाजवादी नेता डॉक्टर सुनीलम, और पत्रकार शीतल पी सिंह और अंबरीश कु्मार के साथ चर्चा किसानों के सवाल, खेती के हाल और नए कानूनों से किसानों की नाराज़गी पर।
क्या सरकार कृषि विधेयकों पर किसानों के गुस्से से डर गई है? या उसे अपने ही मंत्रिमंडल के एक सहयोगी के इस्तीफ़े ने हिला दिया है? कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रबी के फसल की कई उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा की है।
नए कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल के इस्तीफ़े के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि इन विधेयकों को लेकर ग़लत सूचना फैलाई जा रही है। उन्होंने दोहराया कि इन विधेयकों से किसानों को सिर्फ़ फ़ायदा होगा।
शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने 'किसान विरोधी राजनीति' को लेकर मोदी सरकार से इस्तीफ़ा दे दिया है। उनका यह इस्तीफ़ा लोकसभा में विवादस्पद कृषि से जुड़े विधेयकों पर वोटिंग से कुछ समय पहले आया है।
मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे कृषि अध्यादेशों के ख़िलाफ़ हरियाणा, पंजाब और कई राज्यों में किसान सड़क पर हैं। क्या केंद्र सरकार किसानों की बात सुनेगी।Satya Hindi