अदालत मे क्यों मुँह की खानी पड़ी सरकार को ? अदालत क्यों आंदोलन में दखल दे ? आशुतोष के साथ चर्चा में विकास सिंह, आलोक जोशी, विनोद अग्निहोत्री, विकास गुप्ता और राहुल राज !
कृषि क़ानूनों से नाराज़ किसानों के आंदोलन में आम लोग भी जुड़ रहे हैं। रिलायंस के बाद पतंजलि को भी किसानों और आम लोगों के ग़ुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सुप्रीम कोर्ट : ‘अगर आप कृषि क़ानूनों को होल्ड नहीं कर सकते तो हम कर देंगे’।CJI बोले - केन्द्र सरकार समस्या समाधान निकालने में असमर्थ
बीजेपी के एक नेता मदन दिलावर को किसानों के आंदोलन में एक और साज़िश नज़र आ गई! वह साज़िश बर्ड फ्लू फैलाने की! बीजेपी के वह नेता कहते हैं कि किसान बिरयानी इसलिए खा रहे हैं कि बर्ड फ्लू फैले।
सरकार के साथ नौवें दौर की वार्ता से पहले दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक और किसान ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। रिपोर्टों के अनुसार, कृषि क़ानूनों को रद्द नहीं किए जाने को लेकर उसने ऐसा क़दम उठाया।
केंद्र सरकार ने किसानों से कह दिया है कि कृषि क़ानून मान्य नहीं हैं तो सुप्रीम कोर्ट जाइए। किसानों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे न तो सुप्रीम कोर्ट जाएँगे, न ही अदालती कार्यवाही का हिस्सा बनेंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान बोले - वापस नहीं जाएँगे, यही लड़ेंगे और मरेंगे ।किसानों और सरकार में फिर नहीं बनी बात, अगली बैठक 15 को
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।किसानों और सरकार के बीच आ फिर वार्ता, निकलेगा नतीजा?ट्रंप बोले - जिन्होंने हिंसा की उनको कीमत चुकानी होगी