सावरकर को ‘वीर’ कहने और अंग्रेजों से उनकी माफ़ी का मुद्दा जब राष्ट्रवादी विमर्श के बहाने गरमाया हुआ है, इसी बीच शूजीत सरकार की फ़िल्म सरदार उधम आई हुई है। पढ़िए, फ़िल्म समीक्षा कैसे उन्होंने माफ़ी की सलाह ठुकरा फाँसी के फंदे पर झूल गए थे।
‘द फ़ादर’ डिमेंशिया के मरीज़ और उनकी बेटी के रिश्ते की कहानी है। इनके किरदार में आपको किसी परिचित बुज़ुर्ग की झलक दिखाई दे यह बहुत मुमकिन है। पढ़िए ‘द फ़ादर’ फ़िल्म की समीक्षा।
बेलबॉटम के निर्माताओं ने फ़िल्म को सच्ची घटना से प्रेरित बताया है। लेकिन फ़िल्म के दृश्यों में ऐसे तथ्य दिखाए गए हैं जो सच नहीं लगती हैं। पढ़िए फ़िल्म की समीक्षा की आख़िर कैसी है यह फ़िल्म।
फ़िल्म का नाम शेरनी सुन ऐसा लगता है कि विद्या ने ऐसे किसी दमदार चरित्र का किरदार निभाया होगा जो खलनायकों से लड़ते फ़िल्म ख़त्म करता है पर यहाँ फ़िल्म की शेरनी एक टी टू नाम की मादा बाघ है जो आदमखोर बन जाती है।
फ़िल्म 'कागज़' ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी 5 पर रिलीज़ हुई है। फ़िल्म का निर्देशन सतीश कौशिक ने किया है और इसमें लीड रोल में पंकज त्रिपाठी, सतीश कौशिक, एम मोनल गुज्जर, मीता वशिष्ठ व अन्य स्टार्स हैं।
हिंदी रिमेक फ़िल्म 'दुर्गामती' रिलीज़ हुई है। फ़िल्म का निर्देशन जी. अशोक ने किया है। दिलचस्प बात यह है कि साउथ की फ़िल्म 'भागमती' को भी जी. अशोक ने निर्देशित किया था।
अभी हाल ही में आई फ़िल्म ‘सर’ को देख कर ऐसा लगा जैसे एक आदर्श दुनिया को, परिकथाओं की दुनिया को अपनी आँखों से देख रहे हों। ‘सर’ फ़िल्म, आधारित है एक ऐसे स्त्री-पुरुष संबंध पर जहाँ पर पुरुष मालिक की भूमिका में है और स्त्री नौकर की।
फ़िल्म 'दरबान' रवीन्द्रनाथ टैगोर की शॉर्ट कहानी 'खोकाबाबर प्रत्यवर्तन' (छोटे उस्ताद की वापसी) पर आधारित है। निर्देशक बिपिन नाडकर्णी द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'दरबान' ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म ज़ी 5 पर रिलीज़ हो चुकी है।
निर्देशक हंसल मेहता फ़िल्म 'छलांग' लेकर आए हैं। हंसल मेहता और एक्टर राजकुमार राव की जोड़ी हिट हो चुकी है और अब हंसल मेहता ने अपनी फ़िल्म में खेलकूद को दिखाते हुए ज़िंदगी को लेकर मैसेज दिया है।
आपने अक्सर शतरंज की बिसात और उसके खेल को फ़िल्मों में देखा होगा लेकिन इस बार खेल बदल गया है और निर्देशक अनुराग बसु ने लूडो के खेल पर फ़िल्म बनाई है। पढ़िए फ़िल्म की समीक्षा।