बंबई हाई कोर्ट के बाद अब मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि आईटी अधिनियम 2021 से प्रेस की आज़ादी को ख़तरा हो सकता है, उसके संपादकीय में सरकार का हस्तक्षेप हो सकता है।
जिस क़ानून को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने वाला बताकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था उसके तहत 1000 से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज की गई हैं और लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।