लखीमपुर में किसानों की हत्या के मामले में किसानों की मांगों को क्या सरकार मानेगी? जानिए, उनकी मांगें नहीं माने जाने पर किस तरह के आंदोलन की चेतावनी दी है।
मुज़फ्फरनगर महापंचायत में दिए गए एकता के नारे से बीजेपी क्यों परेशान है? इस नारे के ख़िलाफ़ वह और गोदी मीडिया अभियान क्यों चला रहे हैं? क्या इससे किसान आंदोलन को नुक़सान हो सकता है? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- रामकृपाल सिंह, तीस्ता सीतलवाड़, क़ुरबान अली, शरद गुप्ता, ओंकारेश्वर पांडे और डॉ. रविकांत
यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर में किसान महापंचायत के बाद किसान मंगलवार को हरियाणा के करनाल में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने भारी पुलिस बल लगाया है और पाँच ज़िलों में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है।
मुजफ्फरनगर की महापंचायत कवर करने गए कुछ पत्रकारों को किसानों ने घेर लिया तो एक महिला पत्रकार को हाय हाय के नारे लगाकर लगभग खदेड़ दिया। गलती किसानों की है या पत्रकारों की? ऐसा रहा तो मीडिया काम कैसे करेगा? आंदोलनकारी अपनी आलोचना सुनने से घबराते क्यों हैं?